पाकिस्तान के शीर्ष न्यायालय ने एक दोषी की मौत की सज़ा को उम्र कैद में तब्दील किया

By भाषा | Updated: March 29, 2021 18:41 IST2021-03-29T18:41:45+5:302021-03-29T18:41:45+5:30

Pakistan's top court commuted death sentence of a convict to life imprisonment | पाकिस्तान के शीर्ष न्यायालय ने एक दोषी की मौत की सज़ा को उम्र कैद में तब्दील किया

पाकिस्तान के शीर्ष न्यायालय ने एक दोषी की मौत की सज़ा को उम्र कैद में तब्दील किया

इस्लामाबाद, 29 मार्च पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने एक दोषी की मौत की सज़ा को सोमवार को उम्र कैद में तब्दील कर दिया और कहा कि करीब तीन दशक पहले उसने जब हत्या की थी, तब वह किशोर था।

दोषी व्यक्ति गिरफ्तारी के बाद से 23 साल जेल में बिता चुका है।

न्यायमूर्ति मंजूर अहमद मलिक, न्यायमूर्ति मंसूर अली शाह और न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन खान की तीन सदस्य पीठ ने मौत की सजा के खिलाफ मोहम्मद अनवर (दोषी) के भाई की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया।

‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की खबर के मुताबिक, न्यायमूर्ति मलिक ने कहा, “ अनवर जुर्म को अंजाम देने के वक्त किशोर था, जो किशोर न्याय प्रणाली अध्यादेश 2000 की धारा सात के तहत आता है और वह 13 दिसंबर 2001 को जारी राष्ट्रपति के आदेश का लाभ प्राप्त करने का हकदार है।”

न्यायालय के आठ पन्नों के फैसले में कहा गया है कि धारा 302 (बी) के तहत उसकी दोषसिद्धि बरकरार है,लेकिन उसकी मौत की सज़ा को उम्र कैद में तब्दील किया जाता है।

लाहौर के ‘जस्टिस प्रोजेक्ट पाकिस्तान’ ने बताया कि हत्या के मामले में 1993 में अनवर को जब पुलिस ने गिरफ्तार किया था, उस समय वह नौवीं कक्षा में पढ़ता था।

वर्ष 1998 में उसे निचली अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी, जबकि अनवर वारदात के वक्त 17 साल का ही था।

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Web Title: Pakistan's top court commuted death sentence of a convict to life imprisonment

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