पाकिस्तान: खुद को अगला पैगंबर बता रही थी महिला, कोर्ट ने सुना दी मौत की सजा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 29, 2021 11:34 IST2021-09-29T11:30:21+5:302021-09-29T11:34:58+5:30

पाकिस्तान में 1987 से ईशनिंदा कानून के तहत कम से कम 1472 लोगों पर आरोप लगाए गए हैं।

Pakistan woman claimed to next prophet of Islam sentenced to death for blasphemy | पाकिस्तान: खुद को अगला पैगंबर बता रही थी महिला, कोर्ट ने सुना दी मौत की सजा

पाकिस्तान: ईशनिंदा की आरोप महिला को मौत की सजा सुनाई गई (फाइल फोटो)

Highlightsईशनिंदा की आरोपी महिला एक प्राइवेट स्कूल की प्रिंसिपल है, महिला पर 5000 रुपये का जुर्माना भी लगा है।लाहौर की जिला एवं सत्र अदालत ने सुनाया फैसला, 2013 में एक मौलवी की शिकायत पर दर्ज हुआ थआ मामला।तनवीर के वकील का कहना था कि उनके मुवक्किल की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, इस दलील को नहीं माना गया।

लाहौर: पाकिस्तान की एक अदालत ने ईशनिंदा के आरोप में स्कूल की एक प्रिंसिपल को मौत की सजा सुनाई है। लाहौर की जिला एवं सत्र अदालत ने ये फैसला सोमवार को सुनाया। महिला निश्तर कॉलोनी के एक निजी स्कूल की प्रिंसिपल है और उसका नाम सलमा तनवीर है। तनवीर पर 5000 पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। 

अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश मंसूर अहमद ने फैसले में कहा कि तनवीर ने पैगंबर मुहम्मद को इस्लाम का अंतिम पैगंबर नहीं मान कर ईशनिंदा की है। लाहौर पुलिस ने 2013 में एक स्थानीय मौलवी की शिकायत पर तनवीर के खिलाफ ईशनिंदा का मामला दर्ज किया था। 

इस्लाम का पैगंबर होने का दावा करने का आरोप

महिला पर पैगंबर मुहम्मद को इस्लाम का अंतिम पैगंबर नहीं मानने और खुद को इस्लाम का पैगंबर होने का दावा करने का आरोप लगाया गया था। तनवीर के वकील मुहम्मद रमजान ने दलील दी थी कि उनके मुवक्किल की ‘‘मानसिक स्थिति ठीक नहीं है’’ और अदालत को इस तथ्य पर गौर करना चाहिए। 

अभियोजन पक्ष द्वारा अदालत में सौंपी गयी ‘पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ’ के एक मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में कहा गया कि ‘‘संदिग्ध मुकदमा चलाने के लिए फिट है क्योंकि उसकी मानसिक स्थिति बिल्कुल ठीक है।’’

क्या है पाकिस्तान का ईशनिंदा कानून

पाकिस्तान के विवादास्पद ईशनिंदा कानून और इसके तहत निर्धारित दंड को बेहद कठोर माना जाता है। पाकिस्तान में 1987 से ईशनिंदा कानून के तहत कम से कम 1472 लोगों पर आरोप लगाए गए हैं। 

ईशनिंदा के आरोपी आमतौर पर अपनी पसंद का वकील रखने के अधिकार से वंचित रह जाते हैं क्योंकि ज्यादातर वकील ऐसे संवेदनशील मामलों को लेने से इनकार करते हैं। 

ईशनिंदा कानून औपनिवेशिक दौर के कानून हैं, लेकिन पूर्व तानाशाह जनरल जियाउल हक ने इनमें संशोधन किया था जिससे निर्धारित दंड की गंभीरता बढ़ गयी। 

Web Title: Pakistan woman claimed to next prophet of Islam sentenced to death for blasphemy

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