न्यायाधीश बर्तन यूज?, विश्राम गृह के कर्मचारी सैमुअल संधू, फैजल हयात, शहजाद मसीह और मुहम्मद इमरान के खिलाफ केस, क्या ये आरोपी जानवर हैं?, सोशल मीडिया पर कमेंट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 21, 2025 19:04 IST2025-07-21T19:03:03+5:302025-07-21T19:04:56+5:30

Pakistan: लाहौर उच्च न्यायालय ने चार संदिग्धों - सैमुअल संधू (वेटर), फैजल हयात (कुली), शहजाद मसीह (सफाईकर्मी) और मुहम्मद इमरान (काउंटर स्टाफ) के खिलाफ उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए निर्धारित बर्तनों के इस्तेमाल को लेकर जांच का आदेश दिया था।

Pakistan Use judges utensils Case against Samuel Sandhu, Faisal Hayat, Shahzad Masih Muhammad Imran accused employees animals Comments on social media | न्यायाधीश बर्तन यूज?, विश्राम गृह के कर्मचारी सैमुअल संधू, फैजल हयात, शहजाद मसीह और मुहम्मद इमरान के खिलाफ केस, क्या ये आरोपी जानवर हैं?, सोशल मीडिया पर कमेंट

सांकेतिक फोटो

Highlightsआरोपियों ने कुछ भी गलत करने से इनकार किया है।सोशल मीडिया पर कानूनी और नैतिक बहस छेड़ दी है।खाना खाना अपराध बन गया है।

लाहौरः पाकिस्तान में एक विश्राम गृह के चार कर्मचारियों को 'माननीय न्यायाधीशों' के लिए निर्धारित बर्तनों में खाना खाने के कारण दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है, जिससे देश में वर्ग विभाजन और भेदभावपूर्ण प्रथाओं पर बहस छिड़ गई है। लाहौर उच्च न्यायालय ने चार संदिग्धों - सैमुअल संधू (वेटर), फैजल हयात (कुली), शहजाद मसीह (सफाईकर्मी) और मुहम्मद इमरान (काउंटर स्टाफ) के खिलाफ उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए निर्धारित बर्तनों के इस्तेमाल को लेकर जांच का आदेश दिया था। आरोपियों में से दो ईसाई हैं।

अदालत के एक अधिकारी ने बताया, "लाहौर उच्च न्यायालय के अतिरिक्त रजिस्ट्रार द्वारा की गई जांच के दौरान, संबंधित कर्मचारी न्यायाधीश विश्राम गृह में दोपहर का भोजन करते समय बर्तनों का इस्तेमाल करते पाए गए।" उन्होंने बताया कि आरोपियों ने कुछ भी गलत करने से इनकार किया है।

अधिकारी ने बताया कि जांच समिति ने शुक्रवार को सिफारिश की कि ईसाई वेटर सैमुअल को सेवा से हटा दिया जाए, जबकि अन्य तीन को "फटकार" पत्र जारी किए जाएं। चूंकि जांच प्रशासनिक अनुशासन पर केंद्रित है, इसलिए इस मामले ने सोशल मीडिया पर कानूनी और नैतिक बहस छेड़ दी है।

समरीना हाशमी नाम की एक महिला ने अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर इस कदम की आलोचना की और पूछा, "क्या ये न्यायाधीश शाही हैं कि कोई और उनके बर्तनों में खाना नहीं खा सकता...क्या ये आरोपी कर्मचारी जानवर हैं?" एक अन्य सोशल मीडिया उपयोगकर्ता ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "खाना खाना अपराध बन गया है।

जो लोग देश के धन पर दावत उड़ाते हैं, उन्होंने कर्मचारियों द्वारा अपनी कमाई से खरीदी गई प्लेटों से खाने के 'अपराध' पर ध्यान दिया।" अली हसन नाम के एक अन्य व्यक्ति ने एक ईसाई कर्मचारी के साथ अलग व्यवहार करने के लिए लाहौर उच्च न्यायालय की आलोचना की।

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