इस्लामाबाद: कोरोना संकट के बीच पाकिस्तान ने खुद को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे सूची से हटाए जाने के लिए बड़ी चाल चली है। पाकिस्तान ने पिछले 18 महीने में निगरानी सूची से हजारों आतंकवादियों के नाम को हटा दिया है। मालूम हो कि जून महीने में एफएटीएफ की बैठक होने वाली है। इस बैठक में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 27 बिंदुओं पर एक्शन लेने के लिए जून तक का वक्त दिया है।
अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की नेशनल काउंटर टेररिज्म अथार्टी इस सूची को देखती है। इसका मकसद ऐसे लोगों के साथ वित्तीय संस्थानों के बिजनेस न करने में मदद करना है। इस सूची में वर्ष 2018 में कुल 7600 नाम थे लेकिन पिछले 18 महीने में इसकी संख्या को घटाकर अब 3800 कर दिया गया है। इसके साथ ही इस साल मार्च की शुरुआत से लेकर अब तक 1800 नामों को लिस्ट से हटाया गया है।
FATF जून में करेगा पाकिस्तान की समीक्षा
बता दें कि धनशोधन रोधी वैश्विक संस्था एफएटीएफ जून महीने में चीन में होने वाली एक बैठक में आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में पाकिस्तान के प्रदर्शन की समीक्षा करेगी। पेरिस का वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) एक अंत: सरकारी संस्था है जिसकी स्थापना 1989 में धन शोधन, आतंकवाद के वित्त पोषण और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के समक्ष आने वाले अन्य खतरों से निपटने के उद्देश्य से की गई थी।
डॉन न्यूज की खबर के मुताबिक यह बैठक बीजिंग में 21-26 जून को होगी जिसमें पाकिस्तान के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी। हालांकि, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का बैठक पर क्या प्रभाव पड़ेगा, क्या यह स्थगित होगी, यह स्पष्ट नहीं है। फरवरी में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 27 सूत्रीय कार्रवाई योजना पूरी करने के लिए चार महीने का वक्त दिया था।
एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में है पाकिस्तान
वैश्विक आतंकवाद वित्तपोषण निगरानी संस्था एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में ही रखा है और उसे चेतावनी दी कि अगर वह उसकी जमीन से आतंकवाद को मिल रही आर्थिक मदद में शामिल लोगों पर मुकदमा चलाकर उन्हें दंडित नहीं करता तो उसे कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। पेरिस में ‘वित्तीय कार्रवाई कार्यबल’ (एफएटीएफ) के चल रहे पूर्ण सत्र में छह दिन तक विचार-विमर्श के बाद यह फैसला किया गया। एक सूत्र ने बताया कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में ही रखने का फैसला किया। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को यह चेतावनी भी दी कि अगर वह जून महीने तक पूरी कार्य योजना को अमली जामा नहीं पहनाता तो उसके कारोबारों पर असर पड़ सकता है।