पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ कदम उठाने शुरू किए हैं। इसी बीच चौतरफा दबाव में आकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार(8 मार्च) को कहा, हमारी सरकार पाक में किसी भी आतंकी संगठन को चलने नहीं देगी। जो देश से बाहर हमलों में शामिल हो, उन्हें किसी भी तरह से हमारी सरकार पनाह नहीं देगी। सिंध के थारपारकर जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए इमरान खान ने यह बात कही।
इमरान खान ने पाकिस्तान की पिछली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, पहले की किसी भी सरकार ने ऐसे संगठनों और लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की लेकिन हम करेंगे। उन्होंने कहा, पिछली सरकार ने इन्हें पाले हैं हमारी सरकार आतंकवाद के खिलाफ है।
इमरान खान ने कहा, तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की सरकार बनने के बाद से हम नेशनल ऐक्शन प्लान पर गंभीरता से काम कर रहे हैं। जिसके तहत आतंकवाद और अतिवाद से निपटने का काम किया जा रहा है।
भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने इमरान खान से मुलाकात की
भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त सुहैल महमूद ने नई दिल्ली लौटने से पहले शुक्रवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की और भारत-पाकिस्तान रिश्तों पर उनकी सलाह ली। पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने पर महमूद को विचार-विमर्श के लिए इस्लामाबाद बुला लिया गया था । वह अब नई दिल्ली लौटने वाले हैं।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के एक बयान में बताया गया कि उच्चायुक्त ने नई दिल्ली में अपने पद की जिम्मेदारियां संभालने से पहले भारत-पाक रिश्तों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से सलाह ली।
पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को भी विचार-विमर्श के लिए नई दिल्ली बुला लिया गया था। पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 कर्मी शहीद हो गए थे। इस आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान आधारित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने ली।
हाफिज सईद को खुतबा पढ़ने से रोका गया
मुंबई आतंकवादी हमले के सरगना हाफिज सईद को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने शुक्रवार को लाहौर में जमात उद दावा (जेयूडी) मुख्यालय में खुतबा पढ़ने से रोक दिया जहां सरकार की तरफ से नियुक्त मौलाना ने नमाज पढ़वाई और साप्ताहिक खुतबा पढ़ा। करीब दो दशक पहले जेयूडी के मुख्यालय जामिया मस्जिद अल कदासिया की स्थापना के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि सरकार की तरफ से नियुक्त मौलाना ने जुम्मे के दिन खुतबा पढ़ा हो।
मस्जिद कदासिया जब पंजाब सरकार के नियंत्रण में था तब भी सईद को शुक्रवार को खुतबा पढ़ने से नहीं रोका गया था। जेयूडी परिसर के आसपास शुक्रवार की सुबह से ही भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था। इस परिसर में आवासीय क्वार्टर, एक पुस्तकालय और किताब की दुकानें हैं।(पीटीआई इनपुट के साथ)