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पाकिस्तानः इमरान खान सरकार से समझौते के बाद बर्खास्त इमाम लाल मस्जिद छोड़ने को तैयार, जानिए क्या था पूरा विवाद

By भाषा | Updated: February 10, 2020 18:58 IST

पाकिस्तान: मौलाना अब्दुल अज़ीज़ के पिता मौलाना अब्दुल्ला मस्जिद के पहले इमाम थे। 1990 में उनकी हत्या के बाद इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र (आईसीटी) औकाफ विभाग ने अज़ीज़ को मस्जिद का इमाम नियुक्त किया था।

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ठळक मुद्देपाकिस्तान की लाल मस्जिद के बर्खास्त इमाम मौलाना अब्दुल अज़ीज़ सरकार के साथ समझौते के बाद मंगलवार तक इबादतगाह को खाली करने पर सहमत हो गया। अब्दुल ने इस्लामाबाद में सरकार की मिल्कियत वाली मस्जिद पर कब्ज़ा कर लिया था और खुद को इमाम घोषित कर दिया था।

पाकिस्तान की लाल मस्जिद के बर्खास्त इमाम मौलाना अब्दुल अज़ीज़ सरकार के साथ समझौते के बाद मंगलवार तक इबादतगाह को खाली करने पर सहमत हो गया। उसने इस्लामाबाद में सरकार की मिल्कियत वाली मस्जिद पर कब्ज़ा कर लिया था और खुद को इमाम घोषित कर दिया था। अज़ीज़ ने सेना और वज़ीरिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान के विरोध में एक फतवा जारी किया था। ‍इसके बाद 2004 में अदालत के आदेश के बाद उसे इमाम के पद से हटा दिया गया था।बहरहाल 2009 में जेल से छूटने के बाद उसे फिर से मस्जिद का इमाम बना दिया गया था लेकिन वह 2014 में फिर से तब विवादों में आ गया था, जब उसने पेशावर में आर्मी पब्लिक स्कूल पर हमले को आतंकवादियों की प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई बताया था। इस्लामाबाद में स्थित लाल मस्जिद की मिल्कियत सरकार के पास है।

अज़ीज़ के पिता मौलाना अब्दुल्ला मस्जिद के पहले इमाम थे। 1990 में उनकी हत्या के बाद इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र (आईसीटी) औकाफ विभाग ने अज़ीज़ को मस्जिद का इमाम नियुक्त किया था। वह करीब दो हफ्ते पहले मस्जिद लौट आया और मिम्बर (मस्जिद में वो जगह जहां से इमाम उपदेश देते हैं) पर कब्ज़ा कर लिया था और शुक्रवार (जुमे) को सरकार के खिलाफ उग्र भाषण दिया तथा देश में शरिया कानून लागू करने की मांग की।डॉन अखबार में छपी खबर के मुताबिक, मस्जिद खाली करने को लेकर रविवार को सरकार और अज़ीज़ के बीच समझौता हो गया। मंगलवार तक मस्जिद खाली करने के बदले में सरकार उसे राजधानी में 2.5 एकड़ जमीन महिलाओं का मदरसा बनाने के लिए देगी। वह इस बात को लेकर भी सहमत हो गया कि उसकी छात्राएं इस्लामाबाद के एच-11 इलाके में स्थित एक मदरसे की इमारत को खाली कर देंगी, जहां उन्होंने उसके कहने पर कब्ज़ा कर लिया है।अज़ीज़ को 2007 में लाल मस्जिद पर सैन्य कार्रवाई के दौरान तब पकड़ लिया गया था जब वह बुर्का पहनकर भागने की कोशिश कर रहा था। पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के आदेश पर चलाए गए सैन्य अभियान में अज़ीज़ का छोटा भाई गाज़ी अब्दुल रशीद मारा गया था।

उसके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन वह दोषी साबित नहीं हुआ और कुछ वक्त बाद उसे छोड़ दिया गया। तब से वह इस्लामाबाद में ही रह रहा था। उसने 2014 में महिलाओं के एक मदरसे के पुस्तकालय का नाम अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन के नाम पर रख दिया था। पुस्तकालय का नाम मकतबा ओसामा बिन लादेन शहीद रखने से पाकिस्तान सरकार नाराज़ हो गई थी। 

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