इस्लामाबाद, 3 तीन सितंबर: पाकिस्तान के विदेशमंत्री एसएम कुरैशी ने अमेरिका के 30 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता रोकने पर बोलते हुए कहा किये पैसा हमें वापस करना था लेकिन वह हम अभी तक नहीं कर पाए हैं। उन्होंने बताया कि अमेरिका की ओर से ये पैसा ना मदद के रूप में दिए गए हैं और न सहायता के रूप में यह रकम कोअलिशन सपोर्ट फंड के रूप में दी गई है। ये गठबंधन सहायता निधि के तहत दिए जाने वाला फंड था।
उन्होंने कहा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने के हमारे साझा लक्ष्य पर हमने ये पैसे खुद के संसाधनों से खर्च किए हैं। अमेरिका को ये पैसे पाकिस्तान को रीइंबर्स करने थे लेकिन अभी तक उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया है।
न्यूज एजेंसी एएनआई पर पोस्ट वीडियो के मुताबिक, " 30 करोड़ अमेरिकी डॉलर न मदद के रूप में दिए गए हैं, न सहायता के रूप में। यह रकम कोअलिशन सपोर्ट फंड के रूप में दी गई है। हमने यह रकम अपने संसाधनों से आतंकवाद के खिलाफ जंग के हमारे साझा लक्ष्य पर खर्च की थी। उन्हें इसे लौटाना ही था, लेकिन अब तक ऐसा नहीं किया गया था। "
बता दें कि इस मामले पर पेंटागन के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल कोन फॉकनर ने कहा, 'पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता रोकने की घोषणा जनवरी 2018 में की गई थी।
बता दें कि इस महीने अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के सालाना सत्र से इतर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके नए पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के बीच मुलाकात की संभावना है। एक अखबार ने इस तरह की खबर दी है।
इमरान खान के 18 अगस्त को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद पर काबिज होने के बाद यह दोनों देशों के बीच पहली मंत्रिस्तरीय द्विपक्षीय वार्ता हो सकती है। डॉन अखबार ने अमेरिका में एक वरिष्ठ पाकिस्तानी राजनयिक के हवाले से कहा, ‘‘ऐसी मुलाकात संभावित है लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं किया गया है।’’ विदेश मंत्रालय ने सुषमा और कुरैशी के बीच इस तरह की किसी मुलाकात की घोषणा नहीं की है।