संयुक्त राष्ट्र ने किया आगाह, टीकाकरण अभियान रुकने से 11.7 करोड़ बच्चे खसरा के खतरे का कर रहे हैं सामना
By भाषा | Updated: April 14, 2020 20:06 IST2020-04-14T20:06:36+5:302020-04-14T20:06:36+5:30
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण वर्तमान में कई देशों ने खसरा के टीकाकरण का काम रोक दिया है।

11.7 करोड़ बच्चे खसरा के खतरे का सामना कर रहे हैं। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
पेरिस। संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को आगाह किया कि दुनियाभर में 11.7 करोड़ बच्चे खसरा के खतरे का सामना कर रहे हैं, क्योंकि कई देशों ने कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच टीकाकरण अभियान को सीमित कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ ने कहा है कि वर्तमान में 24 देशों ने टीकाकरण का काम रोक दिया है। इसमें से कई देश खसरा के खतरे का पहले से सामना कर रहे हैं। कोरोना वायरस के कारण 13 अन्य देशों में भी टीकाकरण कार्यक्रम प्रभावित हुआ है।
खसरा और रूबेला के खतरे को घटाने के लिए वैश्विक स्तर की भागीदारी संस्था ‘‘मीजल्स एंड रूबेला इनिशिएटिव’’ (एम एंड आरआई) ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि यह बहुत जरूरी है कि मौजूदा महामारी के दौरान और बाद में भी टीकाकरण के कार्यक्रम को जारी रखना चाहिए।
बयान में कहा गया, ‘‘टीकाकरण कार्यक्रम स्थगित होने से कुल मिलाकर 11.7 करोड़ बच्चे प्रभावित हो सकते हैं।’’ बयान में कहा गया,‘‘एम एंड आरआई, जहां पर महामारी का बहुत ज्यादा खतरा है वहां पर व्यापक अभियान को कुछ समय के लिए रोककर कोरोना वायरस से समुदायों और स्वास्थ्यकर्मियों को बचाने की हिमायत करता है।"
हालांकि, इसका ये मतलब नहीं है कि बच्चे इससे स्थायी रूप से वंचित होने चाहिए। खसरा से हर साल करीब दो करोड़ बच्चे प्रभावित होते हैं। इनमें से अधिकतर बच्चों की उम्र पांच साल से कम होती है। वर्ष 2018 में खसरा की वजह से 140,000 बच्चों की मौत हुई थी।