अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर ईरान ने फिर किए रॉकेट हमले, नरम पड़े अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 13, 2020 08:49 IST2020-01-13T08:49:53+5:302020-01-13T08:49:53+5:30
मेरिका के विदेश सचिव माइक पॉम्पियो ने कहा कि ईराकी एयरबेस पर हमले की खबर से क्षुब्द हैं। उन्होंने ईराक सरकार से कहा कि जो इस हमले के लिए जिम्मेदार हैं उनपर कार्रवाई करें।

ईरान के ताजा हमले के बाद अमेरिका ने किसी जवाबी कार्रवाई का ऐलान नहीं किया (फाइल फोटो)
ईरान ने एकबार फिर बगदाद स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर रॉकेट हमले किए हैं। ईराकी सेना ने बताया कि अल-बलाद एयरबेस पर कात्युसा श्रेणी के आठ रॉकेट गिरे। हमले में दो इराकी अधिकारी और दो पायलट घायल हुए हैं। इन हमलों पर प्रतिक्रिया देते अमेरिका के विदेश सचिव माइक पॉम्पियो ने कहा कि ईराकी एयरबेस पर हमले की खबर से क्षुब्द हैं। उन्होंने ईराक सरकार से कहा कि जो इस हमले के लिए जिम्मेदार हैं उनपर कार्रवाई करें।
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक बगदाद स्थित ईराकी एयरबेस पर रविवार को उस वक्त रॉकेट गिराए गए जहां अमेरिकी सैन्य अधिकारी जमा थे। इसमें ईराकी सेना के चार लोग घायल हो गए। फिलहाल आधिकारिक तौर पर ईरान ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ईरान के नागरिक ही अपनी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। ट्रंप ने कहा, 'आज राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने बताया कि प्रतिबंध और प्रदर्शनों से ईरान ठप्प पड़ गया है। हम उन्हें समझौते के लिए बाध्य कर देंगे। दरअसल, मुझे इसकी फिकर नहीं है। ये पूरी तरह उनपर निर्भर करता हैं लेकिन परमाणु हथियार का इस्तेमाल नहीं और अपने प्रदर्शनकारियों को मत मारो।'
US President Donald Trump: National Security Adviser suggested today that sanctions&protests have Iran “choked off”, will force them to negotiate. Actually,I couldn’t care less if they negotiate. Will be totally up to them but, no nuclear weapons and “don’t kill your protesters.” pic.twitter.com/O7UKIfwXVt
— ANI (@ANI) January 13, 2020
ईरान द्वारा यूक्रेन के विमान हादसे की जिम्मेदारी लेने के बाद लोग अपने देश के ही सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर गए हैं। लोग भारी संख्या में सड़कों पर उतर कर सरकार का विरोध कर रहे हैं। पिछले दिनों हादसे के समय विमान में कुल 173 लोग थे, जिसमें से 83 ईरान के ही थे। इस घटना के बाद अमेरिका ने भी ईरान को चेतावनी दी है। अमेरिका ने कहा कि आगे से देश में इस तरह से नरसंहार नहीं होना चाहिए।
एजेंसी इनपुट्स लेकर