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रूस में विपक्षी नेता एलेक्सी नवालनी बेहोश, विरोधियों को जहर देने का पुराना इतिहास, जानिए पूरा मामला

By भाषा | Updated: August 20, 2020 22:04 IST

सोवियत की खुफिया एजेंसी केजीबी, जो सोवियत के टूटने के बाद रूस की एफएसबी बन गई, के पूर्व एजेंट कर्नल एलेक्सजेंडर लितविनेंको वर्ष 2000 में रूस से बगावत कर लंदन चले आए थे।

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ठळक मुद्देसंदेह जताया है और यदि यह सत्य है तो वह रूस सरकार के पहले ऐसे विरोधी नहीं होंगे जिन्हें जहर दिया गया है। चाय को पीने के बाद वह बुरी तरह बीमार पड़ गये और तीन हफ्ते बाद उनकी मौत हो गई।ब्रिटिश जांच में खुलासा हुआ कि रूसी एजेंसी ने संभवत: व्लादिमीर पुतिन के निर्देश पर लिटविनेंकों की हत्या की थी।

मॉस्कोः रूस में विपक्षी नेता एलेक्सी नवालनी बृहस्पतिवार को विमान के शौचालय में अचानक बीमार होने के बाद बेहोश हो गए और अब कोमा की अवस्था में जीवनरक्षक प्रणाली पर है।

उनके प्रवक्ता ने नवालनी को जहर देने का संदेह जताया है और यदि यह सत्य है तो वह रूस सरकार के पहले ऐसे विरोधी नहीं होंगे जिन्हें जहर दिया गया है। सोवियत की खुफिया एजेंसी केजीबी, जो सोवियत के टूटने के बाद रूस की एफएसबी बन गई, के पूर्व एजेंट कर्नल एलेक्सजेंडर लितविनेंको वर्ष 2000 में रूस से बगावत कर लंदन चले आए थे।

लंदन आने के छह साल बाद उनकी चाय में रेडियोधर्मी पोलोनियम-210 मिला दी गई। इस चाय को पीने के बाद वह बुरी तरह बीमार पड़ गये और तीन हफ्ते बाद उनकी मौत हो गई। ब्रिटिश जांच में खुलासा हुआ कि रूसी एजेंसी ने संभवत: व्लादिमीर पुतिन के निर्देश पर लिटविनेंकों की हत्या की थी।

हालांकि, रूस ने इसमें अपनी भूमिका से इनकार किया था। उन्होंने अपनी मौत से पहले ने पत्रकारों को बताया था कि एफएसबी सोवियत दौर की खुफिया मास्को विष प्रयोगशाला का संचालन अभी तक कर रही है। वह उन तमाम पूर्व रूसी खुफिया अधिकारियों में शामिल थे जिन्होंने यह आरोप लगाया था कि रूस ने यूक्रेन के राष्ट्रपति विक्टर यूस्चेकेनो को 2004 के चुनाव प्रचार के दौरान जहर दिया था। इसी प्रकार खोजी पत्रकार अन्ना पोलितकोवस्काया भी वर्ष 2004 में चाय पीने के बाद गंभीर रूप से बीमार होने के बाद बेहोश हो गई।

बाद में उन्होंने दावा किया कि दक्षिण रूस के स्कूल में इस्लामी अलगावादियों के हमले को छिपाने के लिए उन्हें जहर दिया गया था। अन्ना की दो साल बाद मॉस्को के बाहरी इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई। अन्ना ने अपनी खबर में रूसियों और मॉस्को समर्थक चेचन लड़ाकों द्वारा चेचन्या में अलगावादियों के खिलाफ लड़ाई में ताकत के कथित दुरुपयोग की आलोचना की थी।

विपक्षी कार्यकर्ता व्लादिमीर कारा मुर्जा जूनियर को जहर देने के लक्षणों की वजह से वर्ष 2015 और 2017 में दो बार अस्पताल में भर्ती कराया गया। रूसी जासूस सर्जेइ स्करीपाल की भी 2018 में ब्रिटिश शहर साल्सबेरी में जहर देकर हत्या कर दी गई थी। इससे पहले व ब्रिटेन के डबल एजेंट बन गये थे।

उनकी बेटी यूलिया स को भी जहर दिया गया था जिससे उसकी भी मौत हो गई थी। बाद में जांच में खुलासा हुआ कि उन्हें नोवीचोक नामक घातक विष दिया गया था। ब्रिटेन ने इसके लिए रूसी खुफिया एजेंसी को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन रूस ने आरोपों से इनकार कर दिया। रूसी सरकार के विरोधी समूह पूसी रायट के सदस्य पयोत्र वर्जिलोव की भी 2018 में कथित रूप जहर दिया गया था। हालांकि, वह इससे उबर गए।

टॅग्स :रूसब्रिटेनसंयुक्त राष्ट्रअमेरिकाव्लादिमीर पुतिन
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