Operation Brahma: भूकंप से तबाह हुआ म्यांमार, भारत ऑपरेशन ब्रह्मा के जरिए दे रहा राहत; टॉप अपडेट
By अंजली चौहान | Updated: March 30, 2025 09:00 IST2025-03-30T08:50:45+5:302025-03-30T09:00:11+5:30
Operation Brahma: म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने 'ऑपरेशन 24' के बैनर तले देश में राहत और बचाव कार्य शुरू किया।

Operation Brahma: भूकंप से तबाह हुआ म्यांमार, भारत ऑपरेशन ब्रह्मा के जरिए दे रहा राहत; टॉप अपडेट
Operation Brahma:म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप में हजारों लोगों की मौत हो गई है। तबाही का मंजर ऐसा है कि म्यांमार पूरी तरह से हिल गया है और इस दुख की घड़ी में भारत ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। भारत सरकार की ओर से म्यांमार में जरूरी सहायता भेजी गई है। भारत ने 'ऑपरेशन ब्रह्मा' के नाम से देश में राहत और बचाव अभियान शुरू किया।
बीते दिन 29 मार्च को देश ने घायलों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए दो नौसैनिक जहाज तैनात किए और 118 चिकित्सा कर्मियों के साथ एक सेना फील्ड अस्पताल की तैनाती शुरू की। म्यांमार और पड़ोसी थाईलैंड में आए भीषण भूकंप में 1,600 से अधिक लोग मारे गए और व्यापक विनाश हुआ। 7.7 तीव्रता के भूकंप के कारण म्यांमार और थाईलैंड में इतनी तबाही मच गई है।
Operation Brahma: Indian Army’s Humanitarian Mission to Myanmar 🇲🇲
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) March 29, 2025
In a swift response to the 28 March 2025 earthquake in Myanmar, the #IndianArmy, as part of Operation Brahma, is deploying a specialised medical task force to provide urgent humanitarian aid.
A 118-member team… pic.twitter.com/ESkMGqQ2Bn
ये हैं टॉप अपडेट:
- विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कल घोषणा की कि राहत सामग्री लेकर दो भारतीय नौसैनिक जहाज म्यांमार के लिए रवाना हो गए हैं, और दो और जहाज भी उनके साथ रवाना होंगे।
#OperationBrahma
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) March 29, 2025
A 118-member Indian Army Field Hospital unit is en route to Mandalay from Agra.
The team will assist in providing first aid and emergency medical services to the people of Myanmar.
🇮🇳 🇲🇲 pic.twitter.com/ULMp19KjEf
- 10 टन राहत सामग्री लेकर पहला जहाज शनिवार की सुबह रवाना हुआ, जबकि दूसरा जहाज दोपहर बाद रवाना हुआ। इनके 31 मार्च तक यांगून पहुंचने की उम्मीद है। अंडमान और निकोबार कमान के तहत श्री विजयपुरम में तैनात अतिरिक्त दो जहाज आने वाले दिनों में भारत के सहायता प्रयासों को मजबूत करने के लिए रवाना होंगे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया पर अपडेट देते हुए कहा, "आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री 40 टन मानवीय सहायता लेकर यांगून बंदरगाह की ओर जा रहे हैं।"
- वायु सेना भी राहत सामग्री और कर्मियों को तैनात करने में सक्रिय रूप से लगी हुई है। श्री जायसवाल ने पुष्टि की कि ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत कई विमान तैनात किए गए हैं। पहला विमान, 15 टन राहत सामग्री लेकर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हिंडन एयरफोर्स बेस से सुबह 3 बजे उड़ा और सुबह 8 बजे यांगून पहुंचा।
म्यांमार में भारतीय राजदूत अभय ठाकुर ने यांगून के मुख्यमंत्री को टेंट, कंबल, भोजन के पैकेट और आवश्यक दवाओं सहित आपूर्ति सौंपी।
- खोज और बचाव दल लेकर दो और विमान म्यांमार के लिए रवाना हुए, जिसमें 118 सदस्यीय सेना फील्ड अस्पताल इकाई की तैनाती का हिस्सा बनने वाले अतिरिक्त दो विमान शामिल हैं। लेफ्टिनेंट कर्नल जगनीत गिल के नेतृत्व में भारतीय सेना के शत्रुजीत ब्रिगेड मेडिकल रिस्पॉन्डर्स की यह विशिष्ट चिकित्सा टीम उन्नत चिकित्सा और शल्य चिकित्सा देखभाल प्रदान करेगी। वे आघात के मामलों, आपातकालीन सर्जरी और सामान्य चिकित्सा आवश्यकताओं को संभालने के लिए मांडले में 60 बिस्तरों वाला चिकित्सा उपचार केंद्र स्थापित करेंगे।
#OperationBrahma continues.
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) March 29, 2025
Two C-17 aircraft with 118 member Indian Army Field Hospital Unit, including Women & Child Care services and 60 tonnes of relief material have landed in Myanmar 🇲🇲. With these, five relief flights from 🇮🇳 have landed in Myanmar today. pic.twitter.com/h5CBKIGsd3
- भारत ने कंक्रीट कटर, ड्रिल मशीन और कैनाइन दस्तों सहित विशेषज्ञ खोज और बचाव उपकरणों से लैस 80 सदस्यीय राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) टीम भी भेजी है। मलबे के नीचे फंसे बचे लोगों को खोजने में स्थानीय अधिकारियों की सहायता के लिए यह टीम नेय पी ताव में तैनात रहेगी।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के सैन्य नेता जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की, संवेदना व्यक्त की और पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर कहा, "एक करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में, भारत इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है।"
- जायसवाल ने क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं के लिए "प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता" होने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया, तुर्की और सीरिया में 'ऑपरेशन दोस्त' जैसे पिछले सहायता मिशनों का हवाला देते हुए। उन्होंने भारत के 'विश्व एक परिवार है' के सिद्धांत का उल्लेख करते हुए कहा, "जब हम वसुधैव कुटुम्बकम कहते हैं तो हमारा यही तात्पर्य होता है और हम इसे अपने कार्यों से सिद्ध भी करते हैं।"