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सिंगापुर में कोविड-19 के दस रोगियों में से एक को लगातार लक्षण बने रहे: अध्ययन

By भाषा | Updated: July 10, 2021 16:52 IST

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(गुरदीप सिंह)

सिंगापुर, 10 जुलाई राष्ट्रीय संक्रामक रोग केंद्र (एनसीआईडी) के नेतृत्व में किये गये एक अध्ययन में पाया गया है कि सिंगापुर में कोविड-19 से ठीक हुए 10 रोगियों में से एक में उनके प्रारंभिक संक्रमण के छह महीने बाद तक इस वायरस के लक्षण बने हुए थे।

‘द स्ट्रेट्स टाइम्स’ ने शनिवार को देश के शीर्ष संक्रामक रोग निकाय के अध्ययन का हवाला देते हुए बताया कि ‘‘लॉन्ग कोविड’’ के रूप में जानी जाने वाली इस स्थिति में, उन्होंने लक्षणों का अनुभव करना जारी रखा। कोविड से ठीक होने के बाद ऐसी स्थिति में इन लोगों में आमतौर पर खांसी और सांस की तकलीफ देखने को मिली। अन्य लक्षणों में लगातार थकान, चक्कर आना और अनिद्रा शामिल हैं लेकिन ये लक्षण अक्सर नहीं देखे गए।

सिंगापुर के अखबार ने विशेषज्ञों के हवाले से अपनी खबर में बताया कि ‘लॉन्ग कोविड’ ​​सामाजिक दृष्टिकोण से एक गंभीर चिंता का विषय है और यदि यह व्यापक रूप से होता है तो आने वाले वर्षों में समाज और अर्थव्यवस्था पर दबाव डालेगा।

एनसीआईडी के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में तीन अन्य सरकारी अस्पतालों को शामिल किया गया। रोगियों को आमतौर पर उनकी बीमारी के पहले सप्ताह के दौरान अध्ययन में शामिल किया गया और छह महीने तक उनकी निगरानी की जाती है। कुल 288 रोगियों को इसमें शामिल किया गया था।

अध्ययन जनवरी 2020 के मध्य में सिंगापुर में पहला मामला सामने आने के तुरंत बाद शुरू हुआ, जिसका उद्देश्य संक्रमण के दो साल बाद तक कोविड-19 के दीर्घकालिक प्रभाव का अध्ययन करना और यह भी समझना था कि संक्रमण से कोई सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा समय के साथ कैसे विकसित होती है।

अध्ययन में शामिल एनसीआईडी के एक सलाहकार डॉ बरनबी यंग ने कहा, ‘‘हम उन मामलों से समझते हैं जो कोविड​​-19 से गंभीर स्थिति से गुजरे हैं, हालांकि फेफड़े प्रभावित होने वाले प्रमुख अंग हैं, वायरस ने वास्तव में व्यापक नुकसान पहुंचाया है।’’ इसमें ह्रदय के साथ-साथ छोटी रक्त वाहिकाओं की अंदरूनी परत को नुकसान शामिल है।

डा. यंग ने कहा कि कुछ व्यक्तियों में, सार्स-सीओवी-2 वायरस रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक कोविड के लक्षण रहने के बारे में अभी भी बहुत कुछ पता नहीं चला है।

‘द स्ट्रेट्स टाइम्स’ की खबर के अनुसार, एनसीआईडी ​​यह पता लगाने के लिए एक और अध्ययन शुरू कर रहा है कि क्या कोविड​​-19 के दीर्घकालिक गंभीर परिणाम हैं।

कोविड-19 से स्वस्थ हुए 58 वर्षीय सिल्विया सिम ने कहा कि उन्हें सूंघने की क्षमता पूरी तरह वापस पाने में लगभग एक साल लग गया। वह पिछले साल छह अप्रैल को कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थी और 25 अप्रैल को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।

अखबार ने सिम के हवाले से अपनी खबर में बताया, ‘‘जब मेरी पहली बार जांच की गई थी, तो मुझे बुखार हो गया था और मेरी सूंघने की क्षमता चली गई थी। मेरा स्वाद भी चला गया था। मेरी स्वाद लेने की क्षमता लगभग छह महीने बाद और सूंघने की क्षमता एक साल बाद वापस आई।’’

डा. यंग ने कहा कि अन्य जटिलताओं जैसे रक्त के थक्के को भी लंबे कोविड का हिस्सा माना जा सकता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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