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सेना का अपमान करने के आरोप में घिरे पाकिस्तानी पत्रकार को अधिकारियों ने तलब किया

By भाषा | Updated: June 2, 2021 09:28 IST

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इस्लामाबाद, दो जून (एपी) पाकिस्तान के एक पत्रकार ने मंगलवार को बताया कि उन पर प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान का अपमान करने के आरोप लगने के बाद अधिकारियों ने उन्हें तलब किया है।

सेना को अकसर प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान कहा जाता है।

‘आज न्यूज पाकिस्तानी’ टीवी चैनल के लिए काम करने वाले असद अली तूर ने कहा कि वह अपने वकील से इस संबंध में बातचीत कर रहे हैं कि उन्हें चार जून को संघीय जांच एजेंसी के समक्ष पेश होना चाहिए या नहीं।

गौरतलब है कि हाल ही में कुछ अज्ञात हथियारबंद लोगों ने तूर के घर में घुसकर उन्हें पीटा था। वे लोग खुद को ‘इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई)’ का बता रहे थे। हमलावरों ने तूर को कई थप्पड़ मारे थे और उन पर एजेंसी का अपमान करने का आरोप भी लगाया था। हालांकि आईएसआई ने कहा था कि इस घटना से उसका कोई लेना देना नहीं है।

पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने कहा कि अधिकारी तूर पर हमला करने वालों को जल्द ही गिरफ्तार कर लेंगे, लेकिन तूर का कहना है कि वह सरकार की जांच से संतुष्ट नहीं हैं।

तूर ने ‘एपी’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि हमलावरों में से एक ने उनके हाथ और पैर बांधने के बाद पिस्तौल से कई बार उनकी भुजाओं पर वार किया।

तूर ने कहा, ‘‘ जब हमलावरों में से एक ने मेरे सिर पर पिस्तौल रखी तो मुझे लगा कि अब मेरी जान नहीं बचेगी।’’

उन्होंने बताया कि उनके समर्थन में बात करने वाले उनके साथी पत्रकारों को भी परेशान किया जा रहा है।

तूर ने बताया कि उनमें से एक मशहूर पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर हैं, जिन्हें शुक्रवार को एक रैली में सेना विरोधी भाषण देने के लिए पाकिस्तान के ‘जियो न्यूज टीवी’ पर उनके मशहूर शो से बाहर कर दिया गया था।

मीर ने मंगलवार को ‘एपी’ से कहा कि उन्होंने सेना के खिलाफ शायद ‘‘कड़े शब्दों’’ का इस्तेमाल किया लेकिन उनका भाषण देश में पत्रकारों पर बढ़ रहे हमलों की प्रतिक्रिया था।

उन्होंने कहा कि वह रैली में तूर और उन पत्रकारों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए गए थे, जिन पर हाल ही में हमले किए गए।

पाकिस्तान की सरकार के मुताबिक वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करती है, लेकिन मानवाधिकार समूह पाकिस्तानी सेना और उसकी एजेंसियों पर अकसर पत्रकारों को परेशान करने तथा उन पर हमले करने का आरोप लगाते रहे हैं।

पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग की प्रमुख हिना जिलानी ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में तूर पर हमले, मीर को टीवी शो से निकालने और अन्य पत्रकारों पर हमले की निंदा की ।

उन्होंने कहा, ‘‘ पत्रकारिता कोई अपराध नहीं है। असहमति कोई अपराध नहीं है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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