ओपन-प्लान दफ्तरों के शोर से बढ़ता है तनाव, बिगड़ता है मिजाज

By भाषा | Updated: July 5, 2021 15:26 IST2021-07-05T15:26:22+5:302021-07-05T15:26:22+5:30

Noise of open-plan offices increases tension, worsens mood | ओपन-प्लान दफ्तरों के शोर से बढ़ता है तनाव, बिगड़ता है मिजाज

ओपन-प्लान दफ्तरों के शोर से बढ़ता है तनाव, बिगड़ता है मिजाज

(लिब्बी एलिजाबेथ सैंडर, बॉन्ड यूनिवर्सिटी में संगठनात्मक व्यवहार की सहायक प्राध्यापक)

ब्रिस्बेन, पांच जुलाई (द कन्वरसेशन) अगर आपने कभी महसूस किया है कि आपको शोरगुल वाला ओपन-प्लान कार्यालय चिड़चिड़ा बना रहा है और आपकी दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं तो आप यह सब केवल सोच नहीं रहे होते हैं, बल्कि हमारा नया अध्ययन बताता है कि यह सब वास्तव में हो रहा होता है।

वैश्विक महामारी से पहले कार्यालय जाने वाले 70 प्रतिशत कर्मचारी ओपन प्लान कार्यालयों में काम करते थे। ओपन प्लान किसी भी मंजिल के ढांचे की वास्तुकला या आंतरिक डिजाइन के लिए इस्तेमाल होने वाला शब्द है जिसके तहत बड़े, खुले स्थान का उपयोग किया जाता है और छोटे, बंद कमरों (कैबिन) का इस्तेमाल कम से कम किया जाता है जैसा कि निजी कार्यालयों में देखने को मिलता है। इस डिजाइन को लेकर कर्मचारियों की काफी शिकायतें हैं।

इसके बावजूद ज्ञानात्मक प्रदर्शन, शारीरिक तनाव और मनोदशा जैसी चीजों पर दफ्तर के शोर के प्रभावों को जांचने के लिए बहुत कम प्रायोगिक शोध किए गए हैं।

दिल की धड़कन, त्वचा चालकता और कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से चेहरे के भावों की पहचान का इस्तेमाल करते हुए प्रायोगिक दृष्टि से नियंत्रित अध्ययन के परिणाम दिखाते हैं कि उस शोर के प्रभाव बहुत वास्तविक हैं।

हमने ऐसे खुले दफ्तरों और शारीरिक तनाव के बीच महत्वपूर्ण कारण संबंध पाया है।

हमारे परिणाम दिखाते हैं कि ऐसे शोर नकारात्मक मनोदशा को 25 प्रतिशत तक बढ़ा देते हैं और यह परिणाम कृत्रिम ओपन प्लान दफ्तर में भाग लेने वाले प्रतिभागियों से, एक वक्त में केवल आठ मिनट में मिले हैं। असल दफ्तर में जहां कर्मचारी लगातार शोर का सामना करते हैं, उस संदर्भ में उम्मीद की जाती है कि तनाव और मिजाज पर पड़ने वाले प्रभाव इससे कहीं ज्यादा होते होंगे।

भले ही ओपन प्लान कार्यालय ध्वनि स्तर के लिहाज से तत्काल शारीरिक जोखिम को मुश्किल से ही दर्शाते हैं लेकिन पूरे दिन आवाजों के बीच में रहने से उनके प्रभाव बढ़ जाते हैं।

लंबे समय तक शारीरिक तनाव का स्तर बढ़ना मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है।

इसके अलावा लगातार नकारात्मक मिजाज में रहने से नौकरी को लेकर प्रतिबद्धता एवं नौकरी से संतुष्टि वाला भाव भी प्रभावित होता है। इससे कर्मचारियों के इस्तीफा देने की आशंका भी बढ़ती है।

वैश्विक महामारी ने दफ्तर के कार्यों के लिए हमारी सहनशक्ति को बदल दिया है। सर्वेक्षण दिखाते हैं कि अगर नियोक्ता कभी-कभी घर से काम करने में थोड़ी बहुत रियायत नहीं देता है तो 70 प्रतिशत कर्मचारी नयी नौकरी की तलाश करते हैं । इसलिए स्वस्थ कार्य वातावरण बनाना पहले से कहीं ज्यादा महत्त्वपूर्ण हो गया है।

संस्थान कोविड-19 के लिहाज से ढलने की कोशिश में इस बात पर भी फिर से विचार कर रहे हैं कि वे दफ्तरों को कैसे सेट-अप करें और उनका इस्तेमाल करें। भले ही ओपन-प्लान दफ्तरों का चलन जल्द खत्म होने वाला नहीं लगता है, लेकिन हमारा अध्ययन कार्यस्थलों की डिजाइनिंग में कर्मचारी के जरूरतों को समझने के महत्व पर जोर डालता है।

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Web Title: Noise of open-plan offices increases tension, worsens mood

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