कोपेनहेगन, 10 दिसंबर (एपी) इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार साझा करने वाले दो पत्रकारों ने शुक्रवार को नॉर्वे में एक भव्य समारोह के दौरान अपने पुरस्कार प्राप्त किए। इस दौरान दोनों ने चेतावनी दी कि निरंकुश सरकारों की शक्ति का मुकाबला करने के लिए दुनिया को स्वतंत्र रिपोर्टिंग की आवश्यकता है।
फिलीपीन की पत्रकार मारिया रसा और रूसी पत्रकार दमित्री मुरातोव ने ओस्लो सिटी हॉल में अपना नोबेल व्याख्यान दिया।
नॉर्वे नोबेल कमेटी ने उन्हें 2021 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया। दोनों को यह पुरस्कार देशों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए उनके अलग-अलग संघर्षों के लिए दिया गया जहां पत्रकारों को लगातार हमलों, उत्पीड़न और हत्याओं का सामना करना पड़ा है।
मुरातोव ने पत्रकारों के बारे में कहा, ‘‘हां, हम गुर्राते और काटते हैं। हां, हमारे पास तेज दांत और मजबूत पकड़ है लेकिन हम प्रगति के लिए आवश्यक हैं। हम अत्याचार के खिलाफ प्रतिरक्षी हैं।’’
मुरातोव ने अपने भाषण का इस्तेमाल रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की संभावना के बारे में सख्त चेतावनी देने के लिए भी किया।
58 वर्षीय रेसा ने 2012 में फिलीपीन सरकार की आलोचनात्मक समाचार वेबसाइट ‘रैपलर’ की सह-स्थापना की थी। 59 वर्षीय मुरातोव 1993 में स्वतंत्र रूसी समाचारपत्र ‘नोवाया गजेता’ के संस्थापकों में से एक हैं।
रेसा नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाली फिलीपीन की पहली व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें पहले पत्रकारों को अधिक सुरक्षा देकर और पत्रकारों को निशाना बनाने वाले राज्यों के खिलाफ खड़े होकर स्वतंत्र पत्रकारिता को जीवित रखने में मदद करने की जरूरत है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।