काबुल हवाई अड्डे के कार्य के संबंध में अभी कोई निर्णय नहीं: तुर्की
By भाषा | Updated: August 18, 2021 15:54 IST2021-08-18T15:54:33+5:302021-08-18T15:54:33+5:30

काबुल हवाई अड्डे के कार्य के संबंध में अभी कोई निर्णय नहीं: तुर्की
अंकारा, 18 अगस्त (एपी) तुर्की ने उन खबरों को खारिज किया है जिसमें यह दावा किया गया था कि उसने काबुल हवाई अड्डे का संचालन करने की योजना छोड़ दी है। तुर्की का कहना है कि वह तालिबान और कई अफगान नेताओं के बीच जारी बातचीत के परिणाम का इंतजार कर रहा है। तुर्की नाटो का एक सदस्य है जिसके करीब 600 सदस्य काबुल में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सुरक्षा में तैनात हैं । तुर्की ने अमेरिकी और नोटो सैनिकों की वापसी के बाद हवाई अड्डे का संचालन और उसकी सुरक्षा जारी रखने की पेशकश की थी । हालांकि, तालिबान ने कहा था कि वह चाहता है कि नाटो के सभी सैनिक अफगानिस्तान से चले जाएं। विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने बुधवार को हुर्रियत समाचारपत्र से कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि वे शांतिपूर्ण तरीके से एक समझौते तक पहुंच जायें। इसके (वार्ता) बाद हम इन चीजों पर बातचीत कर सकते हैं।’’ कावुसोग्लू ने इस बीच तालिबान के साथ बातचीत करने के सरकार के निर्णय का बचाव किया। विपक्षी दलों ने सरकार के इस निर्णय की आलोचना की है। कावुसोग्लू ने कहा, ‘‘इसका यह मतलब नहीं कि हम उनकी विचारधारा का समर्थन करते हैं। हर कोई व्यावहारिक हो रहा है।’’मंत्री की यह कहने के लिए भी आलोचना की गई है कि सरकार तालिबान के ‘‘सकारात्मक संदेशों’’ का स्वागत करती है।उन्होंने कहा, ‘‘हमने कहा, हम उनके संदेशों का स्वागत करते हैं लेकिन हमने कहा कि हम सतर्क हैं, यानी हमें इन (संदेशों) को व्यवहारिक तौर पर देखना चाहिये।’’ इस बीच बर्लिन से प्राप्त खबर के अनुसार जर्मनी देश के नागरिकों और पूर्व अफगान स्थानीय दूतावास के कर्मचारियों को निकालने में मदद के लिए 600 सैन्य कर्मियों को काबुल भेजेगा। चांसलर एंजेला मर्केल की कैबिनेट ने बुधवार को सोमवार से शुरू हुए मिशन को हरी झंडी दे दी। जर्मनी की बुंडेस्टैग संसद को सैन्य अभियान पर भी मतदान करना होगा जो अगले सप्ताह होने की संभावना है।जर्मनी की सेना की हर सशस्त्र विदेशी तैनाती को जर्मनी में संसद द्वारा अनुमोदित किया जाना होता है।जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए ने बताया कि आम तौर पर यह तैनाती की शुरुआत से पहले होता है, लेकिन इस मामले में अफगानिस्तान में जर्मनी के नागरिकों को आसन्न खतरे के कारण कैबिनेट और संसद को पूर्वप्रभाव से अभियान को मंजूरी देने की अनुमति दी गई।
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