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नेपाल के प्रधानमंत्री देउबा ने सहयोगी दहल से न्यूनतम साझा कार्यक्रम के लिए चर्चा की

By भाषा | Updated: July 21, 2021 16:36 IST

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काठमांडू, 21 जुलाई नेपाल के नवनियुक्त प्रधानमंत्री शेर बहादुर देअबा ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के साथ सरकार के बाकी बचे डेढ़ साल के कार्यकाल के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चर्चा की। दोनों नेताओं के बीच यह बैठक ऐसे समय हुई है जब सहयोगी दल रविवार को विश्वासमत पर साथ देने के बाद मंत्रिमंडल में जगह पाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।

हिमालयन टाइम्स ने अपनी खबर में बताया कि नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी- माओवादी सेंटर (सीपीएन- एमसी) के अध्यक्ष प्रचंड ने प्रधानमंत्री देउबा से मुलाकात की जो आने वाले दिनों में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-माओवादी सेंटर के और सदस्यों को शामिल करने वाले हैं।

खबर में दहल के निजी सहयोगी विष्णु सप्कोता के हवाले से बताया गया कि दोनों वरिष्ठ नेता पांच दलों के गठबंधन के लिए एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाने पर सहमत हुए हैं। खबर के मुताबिक गठबंधन में साझेदार जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल (जेएसपी-एन) भी सरकार में शामिल होगी।

दहल और जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल के सह अध्यक्ष उपेंद्र यादव ने सीपीएन-यूएमएल नेता माधव कुमार नेपाल से भी मुलाकात की है। यूएमएल के माधव कुमार नेपाल गुट के नेताओं, सीपीएन-एमसी और जेएसपी-एन ने देउबा के समर्थन में मतदान किया था।

काठमांडू पोस्ट के मुताबिक नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष और प्रधानमंत्री 75 वर्षीय देउबा अपनी सरकार में गठबंधन के सभी घटकों का प्रतिनिधित्व चाहते हैं।

पोस्ट को नेपाली कांग्रेस के महासचिव पूर्ण बहादुर खडका ने बताया, ‘‘ उन सभी पार्टियों से चर्चा चल रही है जिन्होंने हमारा समर्थन किया है।’’

हालांकि, सभी पार्टियों की अपनी-अपनी चुनौतियां हैं और ऐसे में देउबा की नेपाली कांग्रेस अपवाद नहीं है। खबर के मुताबिक, पार्टी में राम चंद्र पौडेल की नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी गुट ने कम से कम एक उप प्रधानमंत्री पद की मांग की है और इस पद के लिए पार्टी महासचिव शशांक कोइराला, पूर्व उप राष्ट्रपति प्रकाश मान सिंह और वरिष्ठ नेता सुजाता कोइराला का नाम आगे किया है।

नेपाली कांग्रेस के एक नेता और देउबा के करीबी ने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया, ‘‘देउबा ने स्पष्ट कर दिया है कि उप प्रधानमंत्री का पद संभव नहीं है और पौडेल गुट को मंत्रिमंडल में केवल दो पद मिलेंगे। मंत्रिमंडल के गठन में हो रही देरी की एक अहम वजह नेपाली कांग्रेस के भीतर हो रही खींचतान भी है।’’

उन्होंने बताया कि देउबा ने पूर्व पार्टी महासचिव कृष्ण प्रसाद सीतौला के नेतृत्व वाले अन्य गुट को भी मंत्रिमंडल में एक स्थान देने का भरोसा दिया है। नेपाली संविधान के मुताबिक मंत्रिमंडल में अधिकतम 25 मंत्री हो सकते हैं।

खबर के मुताबिक , देउबा और दहल के मध्य पूर्ववर्ती केपी शर्मा ओली सरकार द्वारा की गई सभी राजनीतिक नियुक्तियों को रद्द करने पर भी सहमति बनी है।

इसमें कहा गया कि सरकार पहले ही ओली सरकार के, कुछ देशों में राजदूत नियुक्त करने के नवीनतम फैसले को रद्द कर चुकी है।

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप से संसद बहाल की गई जिसके बाद देउबा 12 जुलाई को लगातार पांचवी बार प्रधानमंत्री बने और उन्हें 275 सदस्यीय सदन में 165 सदस्यों का समर्थन हासिल हुआ।

इससे पहले देउबा ने 1995 से 1997, 2001 से2002, 2004 से 2005 और 2017 से 2018 तक प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी निभाई थी। देउबा अगले डेढ साल तक इस पद पर रहेंगे क्योंकि मौजूदा संसद का कार्यकाल डेढ़ साल ही शेष है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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