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नेपाल राजनीतिक संकट: पीएम ओली का भविष्य तय करने वाली स्थायी समिति की बैठक फिर टली

By निखिल वर्मा | Updated: July 6, 2020 12:51 IST

प्रधानमंत्री केपी. शर्मा ओली और सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के बीच सत्ता की साझेदारी को लेकर हुई अहम बातचीत रविवार को विफल हो गई थी.

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ठळक मुद्दे प्रचंड धड़ा मांग कर रहा है कि ओली पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री दोनों पदों से इस्तीफा दें.सत्ताधारी दल में विभाजन की स्थिति में अपनी सरकार बचाने के लिए ओली शेर बहादुर देउबा से समर्थन मांग सकते हैं.

काठमांडू:  इस्तीफा देने के लिये अपनी ही पार्टी के नेताओं के दबाव का सामना कर रहे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का भविष्य तय करने के लिये सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति की महत्वपूर्ण बैठक बुधवार तक स्थगित कर दी गई है। प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार सूर्य थापा ने बताया कि बैठक बुधवार (8 जून) तक के लिए टल गयी है । इस बैठक के स्थगित होने के करणों के बारे में अभी पता नहीं चल पाया है। पहले ही दो बार स्थगित हो चुकी स्थायी समिति की सोमवार को होने वाली बैठक में 68 वर्षीय प्रधानमंत्री के राजनीतिक भविष्य के बारे में फैसला होने की उम्मीद थी।

शनिवार को भी 45 सदस्यों वाली स्थायी समिति की अहम बैठक को सोमवार तक के लिये टाल दी गयी थी ताकि ओली के काम करने के तौर-तरीकों और भारत विरोधी बयानों को लेकर मतभेदों को दूर करने के लिये शीर्ष नेतृत्व को और वक्त मिल सके। पूर्व प्रधानमंत्री- पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ सहित एनसीपी के शीर्ष नेताओं ने प्रधानमंत्री आली के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा था कि उनका हाल ही में दिया भारत विरोधी बयान ‘‘न तो राजनीतिक रूप से सही और न ही कूटनीतिक रूप से उपयुक्त’’ है । स्थायी समिति की बैठक के बाद सोमवार को ओली और प्रचंड के बीच बैठक होने की संभावना थी। 

नेपाल की सत्ताधारी पार्टी गहरे संकट में : ओली

केपी शर्मा ओली ने कहा कि सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी गहरे संकट का सामना कर रही है और संकेत दिए कि पार्टी में जल्द विभाजन हो सकता है। 'माई रिपब्लिका' अखबार ने एक वरिष्ठ नेता के हवाले से कहा कि ओली ने अपने आधिकारिक आवास पर बुलाई गई मंत्रिमंडल की आपात बैठक में कैबिनेट मंत्रियों को बताया कि हमारी पार्टी के कुछ सदस्य राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी को भी पद से हटाने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रधनमंत्री ने कहा था, ''अब, मुझे प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष पद से हटाने के लिए साजिशें रची जा रही हैं. वह ऐसा होने नहीं देंगे।'' ओली ने कहा कि सत्ताधारी दल गंभीर संकट का सामना कर रहा है। अखबार काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, ओली की राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की साजिश की टिप्पणी के बाद तीन पूर्व प्रधानमंत्री- पुष्प कमल दहल 'प्रचंड', माधव नेपाल और झालानाथ खनल- भंडारी से मिलने पहुंचे और स्पष्ट किया कि नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के नेताओं द्वारा उन्हें पद से हटाने की कोशिश करने संबंधी अफवाहें असत्य हैं।

टॅग्स :केपी ओलीनेपाल
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