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Nepal Floods: नेपाल में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से हाहाकार?, भारतीय दूतावास ने फंसे हुए नागरिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए, जानें 

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 30, 2024 17:39 IST

Nepal Floods: फंसे नागरिकों को निकालने की सुविधा के लिए नेपाली अधिकारियों के साथ निकटता से समन्वय कर रहा है। 

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ठळक मुद्देआपातकालीन नंबरों (व्हाट्सएप के साथ) पर संपर्क कर सकते हैं।दूतावास उनकी सुरक्षित वापसी की व्यवस्था कर रहा है। देश भर में 194 अन्य लोग घायल भी हुए हैं, जबकि 30 अन्य लापता हैं।

Nepal Floods: नेपाल में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से हाहाकार मचा हुआ है। इस हादसे में 200 लोगों की मौत हो गई है। कम से कम 30 लोग अब भी लापता हैं। नेपाल में बाढ़ को देखते हुए भारतीय दूतावास एक्शन में आ गया है। अधिकारी ने कहा कि नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन के कारण फंसे भारतीय नागरिकों के संपर्क में हैं, दूतावास उनकी सुरक्षित वापसी की व्यवस्था कर रहा है। फंसे हुए भारतीय नागरिकों की सहायता के लिए एक आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर भी स्थापित किया गया है। आपातकालीन नंबरों (व्हाट्सएप के साथ) पर संपर्क कर सकते हैं। +977-9851316807 (आपातकालीन हेल्पलाइन) +977-9851107021 (कांसुलर) +977 -9749833292 (एएसओ कांसुलर) है। फंसे नागरिकों को निकालने की सुविधा के लिए नेपाली अधिकारियों के साथ निकटता से समन्वय कर रहा है।

पिछले शुक्रवार से लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ आई और जगह जगह भूस्खलन हुआ, जिससे हिमालयी राष्ट्र में तबाही मच गई। नेपाल पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि लगातार हो रही बारिश, बाढ़, भूस्खलन और पानी भर जाने की वजह से कम से कम 192 लोग मारे गए हैं। उन्होंने बताया कि इस आपदा में देश भर में 194 अन्य लोग घायल भी हुए हैं, जबकि 30 अन्य लापता हैं।

सिंह दरबार स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में रविवार को कार्यवाहक प्रधानमंत्री प्रकाश मान सिंह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भारी बारिश के कारण आई आपदा के दौरान बचाव, राहत और पुनर्वास प्रयासों को तेज करने का निर्णय लिया गया। गृह मंत्रालय ने कहा कि बाढ़ और भूस्खलन के बाद राहत कार्यों के लिए सभी सुरक्षा एजेंसी को तैनात किया गया है और नेपाल सेना, नेपाल पुलिस एवं सशस्त्र पुलिस बल के कर्मियों ने अब तक लगभग 4,500 आपदा प्रभावित व्यक्तियों को बचाया है।

घायलों का मुफ्त उपचार कराया जा रहा है और बाढ़ से प्रभावित अन्य लोगों को भोजन और अन्य आपातकालीन राहत सामग्री प्रदान की गई है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्राकृतिक आपदा के बाद काठमांडू में सैकड़ों लोग भोजन, सुरक्षित पेयजल और गंदगी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।

भूस्खलन के चलते प्रमुख राजमार्गों के अवरुद्ध होने के कारण देश के अन्य जिलों और भारत से सब्जियों की आवक अस्थायी रूप से बाधित हुई है जिससे बाजार में कीमतें भी बढ़ गई हैं। ‘काठमांडू पोस्ट’ अखबार की खबर के अनुसार, पूरे देश में कई सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं और राजधानी काठमांडू की ओर जाने वाले सभी मार्ग अब भी अवरुद्ध हैं जिससे हजारों यात्री फंसे हुए हैं।

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने कहा कि यातायात बहाल करने के लिए बाधित राजमार्गों को साफ करने के प्रयास जारी हैं। ‘इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट’ (आईसीआईएमओडी) की एक खबर में कहा गया है कि शुक्रवार और शनिवार को पूर्वी और मध्य नेपाल के बड़े हिस्से में लगातार बारिश के बाद काठमांडू की मुख्य नदी बागमती खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। शनिवार को खबर में कहा गया कि असाधारण रूप से तीव्र बारिश का कारण ‘बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र’ और ‘मानसून ट्रफ’ था।

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