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23 साल बाद किसी चीनी राष्ट्रपति के स्वागत के लिए तैयार है नेपाल, जानें क्यों अहम है जिनपिंग का ये दौरा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 12, 2019 09:43 IST

चीनी राष्ट्रपति के दौरे से पहले चीन के कई उच्च स्तर के अधिकारी नेपाल दौरे पर आ चुके हैं। इस दौरे को बेहद अहम माना जा रहा है।

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ठळक मुद्दे इससे पहले साल 1996 में चीनी राष्ट्रपति जियांग जेमिन ने नेपाल का दौरा किया था।नेपाल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और काठमांडू की सड़कों पर जिनपिंग के पोस्टर लगाए गए हैं।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शनिवार दोपहर एक बजे भारत से नेपाल के लिए रवाना होंगे। नेपाल 23 साल बाद किसी चीनी राष्ट्रपति के स्वागत के लिए तैयार है। इससे पहले साल 1996 में चीनी राष्ट्रपति जियांग जेमिन ने नेपाल का दौरा किया था। नेपाल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और काठमांडू की सड़कों पर जिनपिंग के पोस्टर लगाए गए हैं। चीनी राष्ट्रपति के दौरे से पहले चीन के कई उच्च स्तर के अधिकारी नेपाल दौरे पर आ चुके हैं। इस दौरे को बेहद अहम माना जा रहा है।

प्रत्यर्पण संधि पर चर्चा करेंगे

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की शनिवार से शुरू हो रही काठमांडू की दो दिवसीय यात्रा के दौरान नेपाल और चीन प्रत्यर्पण संधि पर चर्चा करेंगे। शुक्रवार को मीडिया में आई एक खबर में यह कहा गया है। 'काठमांडू पोस्ट' की खबर के अनुसार हालांकि अधिकारियों ने कहा कि इस पर कोई समझौता होने की संभावना नहीं है। 

कानून मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, "यह संधि नेपाली और चीनी दोनों पक्षों की प्राथमिकता है।" विशेषज्ञों के मुताबिक नेपाल में "चीन विरोधी" गतिविधियों में शामिल तिब्बतियों को प्रत्यर्पित कराने के लिए बीजिंग संधि पर हस्ताक्षर करने को लेकर दबाव बना रहा है।

यात्रा के होंगे ऐतिहासिक परिणाम

माना जा रहा है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आगामी नेपाल यात्रा के ‘‘ऐतिहासिक परिणाम’’ होंगे और इसमें हिमालय क्षेत्र में कनेक्टिविटी नेटवर्क के लिए नया खाका मिल सकेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अनौपचारिक शिखर वार्ता के बाद शी 12 अक्टूबर को चेन्नई से रात भर के लिए काठमांडू पहुंचेंगे। 23 वर्षों के बाद कोई चीनी राष्ट्रपति नेपाल की पहली आधिकारिक यात्रा कर रहे हैं। 

मजबूत होंगे आपसी रिश्ते

विवादास्पद ‘‘बेल्ट एवं रोड पहल’’ (बीआरआई) के तहत 2.75 अरब डालर की ट्रांस-हिमालयन परियोजना को चीन सरकार द्वारा विदेश में शुरू की गई सबसे महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा योजनाओं में से एक माना जाता है। उन्होंने कहा कि शी की यात्रा से चीन-नेपाल द्विपक्षीय संबंधों के लिए राजनीतिक आधार को मजबूत मिलेगी और बीआरआई सहयोग के संयुक्त विकास के लिए नया खाका मुहैया कराएगी।

उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष बीआरआई सहयोग को मजबूत करेंगे। दोनों देश सीमावर्ती बंदरगाहों, रेलवे, सड़क, विमानन और दूरसंचार नेटवर्क के विस्तार की दिशा में काम कर रहे हैं। भारत चीनी राष्ट्रपति की प्रिय परियोजना बीआरआई का मुखर आलोचक रहा है।

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