पानी के सतत इस्तेमाल के लिए लचीली व्यवस्थाएं बनाने की आवश्यकता : भारत
By भाषा | Updated: March 19, 2021 14:12 IST2021-03-19T14:12:06+5:302021-03-19T14:12:06+5:30

पानी के सतत इस्तेमाल के लिए लचीली व्यवस्थाएं बनाने की आवश्यकता : भारत
(योशिता सिंह)
संयुक्त राष्ट्र, 19 मार्च भारत ने घटते जल संसाधनों पर बढ़ते वैश्विक दबाव के बीच ऐसी लचीली व्यवस्थाएं करने की जरूरत पर जोर दिया जो पानी के सतत इस्तेमाल के लिए दीर्घकालीन समाधान मुहैया कराए।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष वोल्कन बोजिर द्वारा बुलाई उच्च स्तरीय बैठक में जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि 2030 का एजेंडा हासिल करने के सफर में जल आपूर्ति और स्वच्छता वैश्विक प्रयासों के केंद्र में होने चाहिए। इस बैठक का विषय ‘‘2030 एजेंडा के जल संबंधित लक्ष्यों एवं उद्देश्यों का क्रियान्वयन’’ था।
शेखावत ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘पृथ्वी पर जीवन के लिए जल अहम है। साथ ही यह सतत भविष्य की ओर दुनिया के सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय आकलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। करीब एक अरब आबादी के पास पानी नहीं है और 2.7 अरब लोग हर साल कम से कम एक महीने पानी की कमी का सामना करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें सबसे कमजोर वर्गों तक पानी पहुंचाने की जरूरत है। साथ ही ऐसी लचीली व्यवस्थाएं करनी है जो पानी के सतत इस्तेमाल के लिए दीर्घकालीन समाधान मुहैया कराए।’’
शेखावत ने कहा कि दुनिया की 17.7 प्रतिशत आबादी भारत में है जिसके मद्देनजर 2030 तक पानी की मांग पानी की उपलब्धता के मुकाबले दो गुना बढ़ जाएगी।
उन्होंने कहा कि 2014 में शुरू ‘स्वच्छ भारत अभियान’ दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान बन गया है और इसके तहत महज छह वर्षों में एक अरब से ज्यादा शौचालय बनाए जा चुके हैं जिससे भारत खुले में शौच से मुक्त हो गया है।
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