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नासा के मंगल संबंधी प्रायोगिक हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी, किसी दूसरे ग्रह पर पहली उड़ान

By भाषा | Updated: April 19, 2021 18:57 IST

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केप केनावेरल (अमेरिका), 19 अप्रैल (एपी) नासा के प्रायोगिक मार्स (मंगल) हेलीकॉप्टर ने सोमवार को धूलभरी लाल सतह से उड़ान भरी और किसी अन्य ग्रह पर पहली नियंत्रित उड़ान की उपलब्धि हासिल की।

इस घटनाक्रम की तुलना राइट ब्रदर्स के प्रयोग से की जा रही है। इन्जेनुइटी नाम के 4 पाउंड (1.8 किलोग्राम) वजनी हल्के हेलीकॉप्टर ने 1903 के राइट फ्लायर के सरीखे विंग फैब्रिक के साथ उड़ान भरी। राइट फ्लायर ने उत्तर कैरोलिना के किटी हॉक में ऐसा ही इतिहास रचा था।

धरती पर लौटे हेलीकॉप्टर के मुख्य पायलट हावर्ड ग्रिप ने कहा, ‘‘आल्टीमीटर के आंकड़ों से पुष्टि होती है कि इन्जेनुइटी ने अपनी पहली उड़ान भरी। किसी दूसरे ग्रह पर ऊर्जा संचालित वायुयान की पहली उड़ान।’’

हालांकि ग्रिप के साथियों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उनकी आवाज पूरी तरह साफ नहीं आ रही थी।

यह महज 39 सैकंड की छोटी उड़ान थी लेकिन सभी प्रमुख मानकों को पूरा किया गया।

परियोजना प्रबंधक मिमि आंग ने अपनी टीम के लिए घोषणा की, ‘‘अब हम कह सकते हैं कि मनुष्य ने एक दूसरे ग्रह पर रोटरक्राफ्ट उड़ाया है।’’

कैलीफोर्निया में उड़ान नियंत्रकों ने पर्सिवरेंस रोवर से डेटा मिलने के बाद इन्जेनुइटी की संक्षिप्त उड़ान की पुष्टि की। उसे 200 फुट (65 मीटर) से अधिक ऊंचाई तक उड़ते देखा गया।

इन्जेनुइटी ने फरवरी में पर्सिवरेंस पर मंगल के लिए उड़ान भरी थी।

8.5 करोड़ डॉलर की लागत वाले हेलीकॉप्टर के इस प्रयोग को अति जोखिम वाला, साथ ही अत्यंत उपलब्धि वाला माना गया था।

आंग ने सोमवार को नासा के एक वेब प्रसारण पर इसे ‘सर्वश्रेष्ठ सपना’ करार दिया था।

परियोजना की सफलता की अंतिम घोषणा के दौरान परिचालन केंद्र पर उत्साह और उमंग का माहौल देखा गया। इस घटनाक्रम की पहली श्वेत-श्याम तस्वीर जब स्क्रीनों पर उभरी तो वहां मौजूद लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था। इस तस्वीर में मंगल के ऊपर उड़ते इन्जेनुइटी की छाया नजर आई।

इसके बाद सतह पर उतरे हेलीकॉप्टर की रंगीन तस्वीर सामने आई। इस दौरान तो तालियों की गड़गड़ाहट और तेज हो गयी। यह तस्वीर पर्सिवरेंस से ली गयी थी।

इस हेलीकॉप्टर के ऊपर एक सौर पैनल लगा है जिससे बैटरियां रिचार्ज हो सकती हैं। मंगल पर रात में शून्य से 90 डिग्री सेल्सियस कम तापमान में रहने के लिए बैटरियों का रिचार्ज रहना जरूरी है।

नासा ने इन्जेनुइटी के एयरफील्ड के रूप में 33 फुट लंबे और 33 फुट चौड़े सपाट और चट्टान रहित स्थान को चुना था।

हेलीकॉप्टर को रोवर से तीन अप्रैल को एयरफील्ड में छोड़ा गया था। उड़ान के लिए निर्देश रविवार को भेजे गये।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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