म्यांमा, रूस से होगी अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन की विदेश नीति की शुरुआती परीक्षा

By भाषा | Updated: February 2, 2021 11:14 IST2021-02-02T11:14:13+5:302021-02-02T11:14:13+5:30

Myanmar, Russia to test US President Biden's foreign policy | म्यांमा, रूस से होगी अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन की विदेश नीति की शुरुआती परीक्षा

म्यांमा, रूस से होगी अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन की विदेश नीति की शुरुआती परीक्षा

वाशिंगटन, दो फरवरी (एपी) म्यांमा में सैन्य तख्तापलट और रूस में विरोधी नेताओं-कार्यकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई ने जो बाइडन प्रशासन के लिए चुनौतियां पेश की हैं।

इन दोनों देशों से निपटना बाइडन की विदेश नीति के लिए अहम चुनौती होगी क्योंकि अमेरिका दुनिया भर में फिर से लोकतंत्र समर्थक नेतृत्व के तौर पर अपने दबदबे को स्थापित करना चाहता है।

पद की शपथ लेने के समय मानवाधिकारों की रक्षा, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शासन में पारदर्शिता-निष्पक्षता को अमेरिकी समर्थन बहाल करने का संकल्प लेने वाले राष्ट्रपति जो बाइडन का दुनिया की दो गंभीर चुनौतियों से सामना हो रहा है।

म्यांमा में लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए दशकों का समय, ऊर्जा और धन लगाने के बाद अब अमेरिका को उन सभी मुद्दों पर कठिन हालात का सामना करना पड़ रहा है, जिससे शक्ति का वैश्विक संतुलन प्रभावित हो सकता है। म्यांमा की अशांति से चीन को और मजबूती मिलेगी।

पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए उप मंत्री रह चुके डेनी रसेल ने कहा, ‘‘यह (तख्तापलट) म्यांमा और एशिया में लोकतांत्रिक शासन के लिए झटका है। दुर्भाग्य से देश अधिनायकवाद की तरफ बढ़ रहा है और यह चिंताजनक है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर बाइडन प्रशासन को इन चुनौतियों से जूझना होगा और लोकतंत्र को समर्थन देना होगा। अधिनायकवाद को चीनी समर्थन की चुनौती से भी उसे निपटना होगा।’’

म्यांमा में कुछ समय से तनाव बढ़ रहा था लेकिन कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा अमेरिका इस पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पाया।

दूसरी ओर, रूस में भी स्थिति धीरे-धीरे जटिल होती जा रही है। रूस के साथ सामना करना और कठिन होगा क्योंकि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी को गिरफ्तार किए जाने के बाद उनके समर्थन में निकले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।

यूरोप के लिए पूर्व वरिष्ठ राजनयिक और अटलांटिक काउंसिल से जुड़े डेन फ्रेड ने कहा, ‘‘बाइडेन के लिए यह चुनौती है लेकिन वह सीधे-सीधे चुनौती नहीं दे रहे।’’ फ्रेड ने कहा कि पाबंदी लगाना दूरगामी तौर पर असरदार कदम नहीं होगा लेकिन इस ओर सबका ध्यान जरूर जाएगा।

विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने सोमवार को एक साक्षात्कार में कहा कि नवेलनी के खिलाफ कार्रवाई, साइबर हमला, चुनाव में दखल, अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाने के लिए तालिबान को मदद की पेशकश जैसे मुद्दों के कारण रूस के खिलाफ नयी पाबंदियों पर विचार किया जा रहा है।

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