म्यांमार में सेना की सबसे हिंसक कार्रवाई, एक दिन में कम से कम 91 लोगों को मारा गया

By विनीत कुमार | Updated: March 27, 2021 22:10 IST2021-03-27T22:06:37+5:302021-03-27T22:10:10+5:30

म्यांमार मीडिया के अनुसार शनिवार को देश भर के दो दर्जन से अधिक शहरों में हुए प्रदर्शनों के बीच 91 लोगों को मारा गया है। इसमें बच्चे भी शामिल हैं।

Myanmar media says At least 91 killed one of deadliest days since military coup | म्यांमार में सेना की सबसे हिंसक कार्रवाई, एक दिन में कम से कम 91 लोगों को मारा गया

म्यांमार में एक दिन में सेना ने 91 लोगों को मार डाला (फाइल फोटो)

Highlightsतख्तापलट के बाद म्यांमार में सबसे हिंसक दिन, कम से कम 91 लोगों के मारे जाने की रिपोर्टइससे पहले 14 मार्च को करीब 74 से 90 लोगों के मारे जाने की खबर आई थीशनिवार को दो दर्जन से अधिक शहरों में हुए प्रदर्शनों में मारे गए लोग, बच्चे भी शामिल

पिछले महीने म्यांमार में हुए तख्तापलट के बाद सैन्य सरकार की क्रूरता का सबसे भयावह दृश्य सामने आया है। म्यांमार की मीडिया के अनुसार एक दिन में ही सुरक्षाबलों ने देश में कम से कम 91 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। तख्तापलट के बाद से एक दिन में ये एक दिन में सबसे अधिक हुई मौते हैं।

ऑनलाइन न्यूज साइट म्यांमार नाऊ ने शाम तक के आंकड़े दिए हैं, जिसमें 91 लोगों को शनिवार को मारे जाने की बात कही गई है।

इससे पहले 14 मार्च को करीब 74 से 90 लोगों के मारे जाने की खबर आई थी। वहीं, यंगून में एक स्वतंत्र रिसर्चर ने शनिवार शाम तक 89 लोगों के मारे जाने की बात कही है। ये मौतें म्यांमार के दो दर्जन से अधिक शहरों में हुई हैं। बताया जा रहा है कि शनिवार को मारे जाने वालों में बच्चे भी शामिल हैं।

इन हत्याओं को लेकर पहले से ही म्यांमार की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक निंदा  हो रही है। म्यांमार की घटना पर यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल ने ट्विटर पर कहा, '76वां म्यांमार सशस्त्र बल दिवस आतंक और असम्मान के दिन के तौर पर याद किया जाएगा। बच्चों समेत निहत्थे नागरिकों की हत्या ऐसा कृत्य है जिसका कोई बचाव नहीं है।' 

आन सान सू ची की निर्वाचित सरकार को एक फरवरी को तख्तापलट के जरिये हटाने के बाद से म्यांमार में रोज विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनों से निपटने के लिये प्रशासन ज्यादा ताकत का इस्तेमाल कर रहा है और ऐसे में म्यांमा में मरने वालों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है।

सरकारी एमआरटीवी ने शुक्रवार रात को एक घोषणा दिखाई थी और विरोध प्रदर्शनों में आगे रहने वाले युवाओं से अनुरोध किया गया था कि वे प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों से सबक सीखें कि उन्हें सिर में या पीठ पर गोली लगने का कितना खतरा है। इन प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षा बलों का सबसे ज्यादा शिकार प्रदर्शन में आगे रहने वाले युवा बने हैं। 

इस चेतावनी को व्यापक रूप से धमकी के तौर पर लिया जा रहा है क्योंकि मरने वालों में अधिकतर प्रदर्शनकारियों के सिर में गोली लगी थी जो इस बात का संकेत है कि उन्हें निशाना बनाया गया था।

(भाषा इनपुट)

Web Title: Myanmar media says At least 91 killed one of deadliest days since military coup

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