म्यांमा की अदालत ने आंग सान सू ची के खिलाफ मामले में फैसला सुनाने की तिथि स्थगित की

By भाषा | Updated: December 20, 2021 16:28 IST2021-12-20T16:28:58+5:302021-12-20T16:28:58+5:30

Myanmar court postpones verdict in case against Aung San Suu Kyi | म्यांमा की अदालत ने आंग सान सू ची के खिलाफ मामले में फैसला सुनाने की तिथि स्थगित की

म्यांमा की अदालत ने आंग सान सू ची के खिलाफ मामले में फैसला सुनाने की तिथि स्थगित की

बैंकॉक, 20 दिसंबर (एपी) म्यांमा की एक अदालात ने देश की अपदस्थ नेता आंग सान सू ची के खिलाफ मामलों की हाालिया श्रृंखला में फैसला सुनाने की तिथि सोमवार को स्थगित कर दी। मामले की जानकारी रखने वाले एक विधि अधिकारी ने यह बताया।

सेना ने सू ची को एक फरवरी को सत्ता से बेदखल और उनकी निर्वाचित सरकार को अपदस्थ कर दिया। उनकी ‘नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी’ के शीर्ष सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया था। नेपीता की एक अदालत ने जिस मामले में फैसला सुनाने की तिथि स्थगित की है, वह एक फरवरी के बाद 76 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता के खिलाफ चलाए गए कई मामलों में से दूसरा मामला है।

अधिकारी ने अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर सूचना दी कि फैसला सुनाने की तिथि स्थगित करने का कोई कारण नहीं बताया गया है। प्राधिकारियों ने सू ची की सुनवाई संबंधी जानकारी जारी करने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।

सू ची पर आधिकारिक प्रक्रियाओं के बिना वॉकी-टॉकी आयात करने और रखने का आरोप है। जो रेडियो इस मामले के केंद्र में हैं, वे एक फरवरी को सू ची को गिरफ्तार किए जाने के दौरान तलाशी के दौरान उनके आवास के प्रवेश द्वार और उनके अंगरक्षकों के बैरक से मिले थे।

सू ची के खिलाफ गलत तरीके से वॉकी-टॉकी आयात करने को लेकर सबसे पहले ‘निर्यात-आयात कानून’ के तहत आरोप दर्ज किए गए थे। इसके बाद अवैध रूप से रेडियो रखने के आरोप दर्ज किए गए।

सू ची के वकीलों ने तर्क दिया कि रेडिया नेता के निजी अधिकार में थे और उनकी सुरक्षा में मदद करने के लिए उनका वैध तरीके से उपयोग किया जा रहा था, लेकिन अदालत ने उनके खिलाफ आरोप खारिज करने से इनकार कर दिया था।

सू ची को लोगों को उकसाने और कोरोना वायरस संबंधी प्रतिबंधों का उल्लंघन करने का छह दिसंबर को दोषी करार देते हुए चार साल कैद की सजा सुनाई गई थी, जिसे बाद में सैन्य सरकार ने कम करके आधा कर दिया था।

अगर सू ची सभी मामलों में दोषी पाई जाती हैं, तो उन्हें 100 साल से अधिक की जेल की सजा हो सकती है।

सू ची के खिलाफ मामलों को व्यापक रूप से उन्हें बदनाम करने और अगले चुनाव में उन्हें भाग लेने से रोकने की साजिश के रूप में देखा जा रहा है। देश का संविधान किसी को भी दोषी ठहरा कर जेल भेजे जाने के बाद उच्च पद हासिल करने या जन प्रतिनिधि बनने से रोकता है।

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Web Title: Myanmar court postpones verdict in case against Aung San Suu Kyi

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