कोविड-19 के दौरान दस लाख से अधिक कैदी रिहा किए गए, लेकिन यह पर्याप्त नहीं

By भाषा | Updated: November 10, 2021 12:34 IST2021-11-10T12:34:05+5:302021-11-10T12:34:05+5:30

More than a million prisoners released during Kovid-19, but this is not enough | कोविड-19 के दौरान दस लाख से अधिक कैदी रिहा किए गए, लेकिन यह पर्याप्त नहीं

कोविड-19 के दौरान दस लाख से अधिक कैदी रिहा किए गए, लेकिन यह पर्याप्त नहीं

कैथरीन ब्रूस-लॉकहार्ट सहायक प्रोफेसर, इतिहास, यूनिवर्सिटी ऑफ वाटरलू

ओटावा (कनाडा), 10 नवंबर (द कन्वरसेशन) कोविड-19 का कैदियों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है। एक अनुमान के अनुसार मार्च 2021 तक, वैश्विक स्तर पर 527,000 कैदी वायरस से संक्रमित हो चुके थे, यह संख्या बढ़ती जा रही है क्योंकि महामारी भी बढ़ती जा रही है।

दुर्भाग्य से, यह आश्चर्य की बात नहीं है।

जेलों के भीतर लंबे समय से समस्याएँ हैं - भीड़भाड़, अपर्याप्त चिकित्सा उपचार और वेंटिलेशन की कमी आदि कुछ नाम हैं- जो उन्हें ऐसी जगह बनाती हैं जहाँ वायरस आसानी से फैल सकते हैं।

बहुत से कैदी ऐसे होते हैं, जो अक्सर समाजों में सबसे अधिक वंचित समूहों से आते हैं, उनमें भी अंतर्निहित चिकित्सा समस्याएं होती हैं।

और इससे भी बड़ी बात यह है कि जब महामारी के दौरान व्यक्तिगत सुरक्षा उपायों या टीकाकरण की बात आती है तो कैदियों को प्राथमिकता नहीं दी जाती है।

महामारी के दौरान कैदियों को रिहा करना

इन मुद्दों को स्वीकार करते हुए, विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने मई 2020 में एक बयान जारी कर दुनिया भर की सरकारों से उन कैदियों को रिहा करने का आह्वान किया, जो ‘‘कोविड -19 के विशेष जोखिम में’’ थे और जिन्हें ‘‘सार्वजनिक सुरक्षा से समझौता किए बिना रिहा किया जा सकता था।’’

महामारी की शुरुआत के बाद से, दुनिया भर में दस लाख से अधिक कैदियों को कथित तौर पर रिहा किया गया है।

पेनल रिफॉर्म इंटरनेशनल के अनुसार, सबसे बड़े पैमाने पर रिहाई तुर्की (114,000 से अधिक कैदी), ईरान (104,000), फिलीपीन (82,000), भारत (68,000), इराक (62,000) और इथियोपिया (40,000) में दर्ज की गई है।

फ्रांस और नॉर्वे सहित कुछ यूरोपीय देशों ने कथित तौर पर जेल में बंद कुल कैदियों में से 15 प्रतिशत से अधिक को रिहा कर दिया।

पेनल रिफॉर्म इंटरनेशनल के आँकड़े दिखाते हैं कि जॉर्डन ने 30 प्रतिशत कैदियों को रिहा किया। अमेरिका में भी कैदियों को छोड़ा गया, लेकिन इससे जेल की आबादी में कुछ खास कमी नहीं आई, इस तथ्य के बावजूद कि सामान्य आबादी की तुलना में जेलों में कोविड-19 के मामले 5.5 गुना अधिक थे।

कनाडा में, पहली लहर के दौरान देश भर में कैदियों को मुक्त किया गया, मुख्य रूप से प्रांतीय जेलों से, जिसमें अप्रैल 2020 तक ओंटारियो में 2,300 कैदियों की रिहाई शामिल थी।

यह अभूतपूर्व है।

इतिहास गवाह है कि सरकारों ने महामारी के दौरान या विभिन्न राजनीतिक कारणों से कैदियों को रिहा किया है, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर यह पहले कभी नहीं हुआ।

महामारी के कारण कैदी रिहा करने से जुड़ी समस्याएं

हालांकि इस रिहाई का रिहा किए गए कैदियों और उनके परिवारों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। लेकिन, वकील और वैश्विक शासन स्नातक छात्र एशले मुंगई और मेरे द्वारा चल रहे काम सहित नए शोध से महत्वपूर्ण मुद्दों का पता चलता है।

कई सरकारों ने कैदियों की रिहाई का वादा तो किया था, लेकिन उसे निभाने की रफ्तार धीमी रही। यूनाइटेड किंगडम ने घोषणा की कि अप्रैल 2020 में 4,000 कैदियों को रिहा करने पर विचार किया जाएगा, लेकिन उस वर्ष मई तक केवल 57 को रिहा किया गया।

अक्सर, कैदियों की रिहाई के बारे में सार्वजनिक रूप से बहुत कम डेटा उपलब्ध होता है, जिससे सरकारों को जवाबदेह ठहराना मुश्किल हो जाता है।

कई कैदियों को रिहाई तो मिली पर आजादी नहीं

विश्व स्तर पर, जितने भी कैदी रिहा किए गए उनमें अनुमानत: 42 प्रतिशत कैदियों को सशर्त रिहाई दी गई। कुछ को अस्थायी रूप से रिहा किया गया, जिसमें ईरान भी शामिल है।

अमेरिका में, लगभग 23,000 कैदियों में से कुछ को घरेलू कारावास में छोड़ दिया गया - जो कि अपने आप में किसी की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध है - इन लोगों को टीकाकरण के बाद वापस जेल भेजा जा सकता है।

थाईलैंड में, कैदियों को कारखानों में काम करने के लिए भेजा गया।

म्यांमार में, नए साल पर वार्षिक माफी योजना के हिस्से के रूप में कैदियों की रिहाई हुई। ऐतिहासिक रूप से, कई देशों में वार्षिक माफी होती है, जैसे फ्रांस में बैस्टिल दिवस के दौरान।

लेकिन एक संक्रामक रोग महामारी के बीच कैदियों को रिहा करने के लिए किसी खास दिन का इंतजार नहीं करना चाहिए।

कैदियों की कई श्रेणियों को भी महामारी की रिहाई से बाहर रखा गया था। उदाहरण के लिए, तुर्की में राजनीतिक कैदियों और विचाराधीन कैदियों को रिहा करने पर विचार नहीं किया गया।

कैदियों की रिहाई भी कोविड-19 की अल्पकालिक प्रतिक्रिया प्रतीत होती है। पहली लहर के बाद से, दुनिया भर में अनुमानित 475,000 कैदियों को रिहा किया गया था, उसके बाद से बहुत कम लोगों को रिहा किया गया है।

बढ़ रही है कैदियों की तादाद

कई देशों में कैदियों की संख्या वास्तव में बढ़ी है। हालांकि कनाडा में कैदियों की संख्या में शुरू में 15 प्रतिशत की कमी आई थी - नोवा स्कोटिया में 41 प्रतिशत की कमी सहित - यह सितंबर 2020 तक बढ़ रही थी, इस तथ्य के बावजूद कि जेलों में कोविड-19 का प्रसार जारी है।

इसकी एक वजह यह भी है कि जेल से रिहा किए गए लोगों की संख्या अक्सर गिरफ्तार किए जाने वाले लोगों की संख्या से बहुत कम होती है।

उदाहरण के लिए, श्रीलंका में, केवल 3,000 कैदियों को शीघ्र रिहाई की अनुमति दी गई है, जबकि लगभग 40,000 को महामारी के दौरान कर्फ्यू का उल्लंघन करने के लिए गिरफ्तार किया गया है।

कैदियों को रिहा करने के बारे में उठाई जाने वाली आम चिंताओं में से एक यह है कि इससे सार्वजनिक सुरक्षा कमजोर होगी।

हालांकि शोध से पता चला है कि ऐसा नहीं हुआ है।

इसके बजाय, यह स्पष्ट है कि सरकारें कैदियों को सुरक्षित और प्रभावी ढंग से रिहा कर सकती हैं जब ऐसा करने की राजनीतिक इच्छा हो।

सार्वजनिक सुरक्षा के बारे में यह चर्चा इस तथ्य की भी अनदेखी करती है कि जेलें समुदायों को सुरक्षित नहीं बनाती हैं, बल्कि नुकसान पहुंचाती हैं।

महामारी ने इसे पहले से कहीं अधिक स्पष्ट कर दिया है और जेलों के भीतर लंबे समय से चली आ रही समस्याओं पर भी प्रकाश डाला है।

जेलों से कैदियों की रिहाई कोविड-19 की एक अस्थायी प्रतिक्रिया होने के बजाय, जेलों के बिना भविष्य के निर्माण के लिए लागू किए गए कई उपायों में से एक होना चाहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: More than a million prisoners released during Kovid-19, but this is not enough

विश्व से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे