मोदी और सुगा ने स्वतंत्र, खुले हिंद-प्रशांत के लिए प्रतिबद्धता जताई, यथास्थिति बदलने का विरोध किया

By भाषा | Updated: September 24, 2021 18:31 IST2021-09-24T18:31:58+5:302021-09-24T18:31:58+5:30

Modi and Suga commit to a free, open Indo-Pacific, oppose changing status quo | मोदी और सुगा ने स्वतंत्र, खुले हिंद-प्रशांत के लिए प्रतिबद्धता जताई, यथास्थिति बदलने का विरोध किया

मोदी और सुगा ने स्वतंत्र, खुले हिंद-प्रशांत के लिए प्रतिबद्धता जताई, यथास्थिति बदलने का विरोध किया

वाशिंगटन, 24 सितंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष योशिहिदे सुगा ने बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और अफगानिस्तान समेत हाल के वैश्विक घटनाक्रम पर विचारों का आदान प्रदान किया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की मेजबानी में होने जा रही क्वाड की प्रथम प्रत्यक्ष बैठक से पहले मोदी और सुगा ने स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी प्रतिबद्धता की एक बार फिर पुष्टि की।

जापान के विदेश मंत्रालय (एमओएफए) की ओर से जारी वक्तव्य के मुताबिक बृहस्पतिवार को हुई बैठक में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा उपकरण एवं प्रौद्योगिकी समेत रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।

इसमें कहा गया कि बीते कुछ वर्षों में भारत-जापान विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने निजी प्रतिबद्धता दिखाने एवं प्रधानमंत्री के रूप में तथा उससे पहले मुख्य मंत्रिमंडल सचिव के रूप में सुगा के नेतृत्व के लिए उनका आभार जताया।

वक्तव्य में कहा गया, ‘‘दोनों प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों की समीक्षा की और अफगानिस्तान समेत हालिया वैश्विक एवं क्षेत्रीय घटनाक्रम पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने स्वतंत्र, खुले एवं समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की।’’

एमओएफए ने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने पूर्वी एवं दक्षिण चीन सागर में आर्थिक दबाव एवं यथास्थिति को जबरन बदलने के एकतरफा प्रयासों का कड़ा विरोध किया।’’

सुगा ने भारत के साथ भागीदारी के महत्व को दोहराया, जो जापान के साथ मौलिक है और मोदी की भूमिका की प्रशंसा की जिन्होंने हमेशा नियम आधारित व्यवस्था की वकालत की है ताकि ‘‘स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत’’ को आकार दिया जा सके।

विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने प्रधानमंत्री मोदी और उनके जापानी समकक्ष सुगा के बीच बैठक के बारे में संवाददाताओं से कहा कि यह उनकी पहली प्रत्यक्ष बैठक थी।

यह पूछने पर कि क्या पिछले कुछ वर्षों में चीन के व्यवहार के बारे में बातचीत हुई तो उन्होंने कहा, ‘‘चीन के बड़े वैश्विक ताकत के रूप में उभरने के मुद्दे पर बातचीत हुई... कई मुद्दों पर बातचीत हुई जिनमें एक यह भी शामिल है।’’

एमओएफए ने बयान में बताया कि सुगा ने उम्मीद जताई कि जापान के सहयोग से बने वाराणसी अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र को ‘‘जापान और भारत के बीच दोस्ती के सबूत’’ के तौर पर देखा जाएगा।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत-जापान के बीच बढ़ते आर्थिक संपर्क का भी स्वागत किया।

मोदी ने ट्वीट करके कहा कि जापान भारत के महत्वपूर्ण साझेदारों में से एक है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री सुगा के साथ विभिन्न विषयों पर शानदार बैठक हुई जिससे हमारे देशों के बीच सहयोग और बढ़ेगा। भारत और जापान के बीच मजबूत मित्रता पूरी दुनिया के लिए शुभ है।’’

दोनों नेताओं की बैठक के बाद विदेश मंत्रालय की ओर से ट्वीट में कहा गया, ‘‘जापान के साथ मित्रता को और आगे बढ़ाया।’’ इसमें कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री सुगा के बीच वाशिंगटन डीसी में एक सार्थक बैठक हुई। दोनों नेताओं ने व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को और गति देने के तरीकों सहित कई मुद्दों पर चर्चा की।’’

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘हिंद-प्रशांत, क्षेत्रीय घटनाक्रम, आपूर्ति श्रृंखला, कारोबार, डिजिटल अर्थव्यवस्था और पी2पी संबंध जैसे विविध विषयों पर चर्चा हुई।’’ इसमें कहा गया कि जापान के साथ एक विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी- इतिहास में मजबूती से निहित है और समान मूल्यों पर आधारित है।

वक्तव्य में कहा गया कि दोनों नेताओं ने भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच इस वर्ष की शुरुआत में आरंभ हुई पहल ‘सप्लाई चेन रेजिलियेंस इनिशिएटिव (एससीआरआई)’ का स्वागत किया। यह पहल लचीली, विविधतापूर्ण और भरोसेमंद आपूर्ति श्रंखलाओं के लिए सामूहिक प्रयास है।

मोदी ने उत्पादन, लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) तथा कौशल विकास में द्विपक्षीय साझेदारी विकसित करने की जरूरत को रेखांकित किया।

सुगा ने मोदी को सूचित किया कि इस वर्ष की शुरुआत में जिस ‘स्पेसिफाइड स्किल्ड वर्कर्स (निर्दिष्ट कुशल कामकार एसएसडब्ल्यू)’ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, उसे लागू करने के लिए जापान 2022 की शुरुआत से भारत में कौशल एवं भाषा परीक्षा लेना शुरू करेगा।

दोनों नेताओं ने कोविड-19 और इससे निबटने के प्रयासों पर चर्चा की, डिजिटल प्रौद्योगिकियों के बढ़ते महत्व को और इस संबंध में भारत-जापान डिजिटल साझेदारी (खासकर स्टार्ट अप के मामले में) में प्रगति का सकारात्मक आकलन करने के महत्व को रेखांकित किया।

वक्तव्य में बताया गया कि दोनों नेताओं ने विभिन्न उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग बढ़ाने पर विचार साझा किए। जलवायु परिवर्तन मुद्दा, हरित ऊर्जा को अपनाने, भारत के नेशनल हाइड्रोजन एनर्जी मिशन में जापान के सहयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई।

इसके मुताबिक, दोनों प्रधानमंत्रियों ने मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना के समयबद्ध एवं सुगम क्रियान्वयन के लिए प्रयास बढ़ाने के अपने संकल्प की एक बार फिर पुष्टि की। उन्होंने इंडिया-जापान एक्ट ईस्ट फोरम तले भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में द्विपक्षीय विकास परियेाजनाओं में प्रगति पर प्रसन्नता जताई और ऐसे सहयोग को और बढ़ाने के लिए संभावनाओं को रेखांकित किया।

सुगा ने विश्वास जताया कि बीते कुछ वर्षों में भारत-जापान साझेदारी को जो रफ्तार मिली है वह जापान में नए प्रशासन के तहत भी जारी रहेगी।

मोदी ने कहा कि वह आगामी इंडिया-जापान सालाना शिखर सम्मेलन के लिए जापान के अगले प्रधानमंत्री का भारत में स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Modi and Suga commit to a free, open Indo-Pacific, oppose changing status quo

विश्व से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे