मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति अनिरुद्ध जगन्नाथ का निधन, पीएम मोदी ने दुख जताया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 4, 2021 21:47 IST2021-06-04T21:45:18+5:302021-06-04T21:47:22+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मॉरीशस के अपने समकक्ष प्रविंद जगन्नाथ से फोन पर बात की और वहां के पूर्व प्रधानमंत्री अनिरुद्ध जगन्नाथ के निधन पर शोक संवेदनाएं प्रकट की।

जगन्नाथ ने 2003 से 2012 तक मॉरीशस के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया और 1982 से 2017 तक छह बार प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए।
पोर्ट लुइसः मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति एवं पूर्व प्रधानमंत्री सर अनिरुद्ध जगन्नाथ का निधन हो गया है। वह 91 वर्ष के थे।
दो बार मॉरीशस के राष्ट्रपति और छह बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करने वाले जगन्नाथ को 2020 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। राष्ट्रपति पृथ्वीराजसिंह रूपुन ने शोक संदेश में कहा, ‘‘मॉरीशस ने अपने सबसे महान देशभक्तों में से एक को खो दिया है, जिन्होंने देश में वि-उपनिवेशीकरण की प्रक्रिया पूरी करने के लिए संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी ताकि वह चागोस द्वीपसमूह सहित मॉरीशस गणराज्य के पूरे क्षेत्र पर अपनी संप्रभुता का प्रयोग कर सके।’’
‘ली मौरिसियन’ अखबार ने लिखा कि 29 मार्च, 1930 को जन्मे जगन्नाथ देश के सबसे उल्लेखनीय व्यक्तियों और सम्मानित नेताओं में से एक थे। बृहस्पतिवार को उनका निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मॉरीशस के अपने समकक्ष प्रविंद जगन्नाथ से फोन पर बात की और वहां के पूर्व प्रधानमंत्री अनिरुद्ध जगन्नाथ के निधन पर शोक संवेदनाएं प्रकट की।
मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘मैंने सर अनिरुद्ध जगन्नाथ के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ को फोन किया। सर अनिरुद्ध जगन्नाथ को हिंद महासागर क्षेत्र के सबसे बड़े राजनेताओं में एक और भारत की मॉरीशस के साथ विशेष मित्रता के प्रमुख वास्तुकार के रूप में याद किया जाएगा।’’
मोदी ने बृहस्पतिवार को एक ट्वीट में जगन्नाथ को एक ऐसा राजनेता बताया था जो आधुनिक मॉरीशस के निर्माता थे। उन्होंने कहा, ‘‘एक गर्वित प्रवासी भारतीय, उन्होंने विशेष द्विपक्षीय संबंध बनाने में मदद की जो उनकी विरासत से लाभान्वित होगा।’’ जगन्नाथ ने 1957 में सरोजिनी बल्लाह से शादी की थी और दंपति के दो बच्चे हैं, जिनमें प्रधानमंत्री प्रविंद भी शामिल हैं।
जगन्नाथ ने 2003 से 2012 तक मॉरीशस के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया और 1982 से 2017 तक छह बार प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए। बाद में, उन्होंने अपने बेटे प्रविंद जगन्नाथ के लिए अपना पद छोड़ दिया। अनिरुद्ध जगन्नाथ पेशे से वकील थे और उन्होंने 1963 में विधान परिषद के चुनाव के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।
1951 में, वह ब्रिटेन में लंदन विश्वविद्यालय के लिंकन इन में कानून का अध्ययन करने गए। 1965 में, उन्होंने देश की स्वतंत्रता से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए लंदन में संवैधानिक सम्मेलन में भाग लिया। जगन्नाथ चागोस द्वीपसमूह के वि-उपनिवेशीकरण की प्रक्रिया और चागोसियन समुदाय की भलाई को बढ़ावा देने के लिए संघर्ष में अग्रणी थे। उनके संघर्ष के चलते अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का यह निर्णय आया और चागोस द्वीपसमूह मॉरीशस गणराज्य के क्षेत्र का एक अभिन्न अंग है।