वर्षा देशपांडे को मिला संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या पुरस्कार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 12, 2025 16:40 IST2025-07-12T16:39:38+5:302025-07-12T16:40:12+5:30
सामूहिक भागीदारी और वकालत के द्वारा इस विषय पर लोगों की मानसिकता बदलने में अहम योगदान दिया है।

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न्यूयॉर्कः संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या पुरस्कार के 40वीं संस्करण में व्यक्तिगत श्रेणी की विजेता बनी भारत की वर्षा देशपांडे, जो कि दलित महिला विकास मंडल की संस्थापक हैं। वर्षा देशपांडे एक जानी मानी महिला कार्यकर्ता हैं, जो पिछले 35 वर्षों से निरंतर लैंगिक हिंसा और भेदभाव जैसे सामाजिक असमानता के ख़िलाफ़ संघर्ष कर रही हैं। वर्षा जी ने इन असमानताओं से लड़ने के लिए 1990 में दलित महिला विकास मंडल की नींव रखी ताकि महिलाओं को आत्मनिर्भर एंव सशक्त बनाया जा सके और उन्हें मूलभूत सुविधाओं से जोड़ा जा सके। वर्षा ने प्रसूति पूर्व लिंग चयन के समाधान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने सामूहिक भागीदारी और वकालत के द्वारा इस विषय पर लोगों की मानसिकता बदलने में अहम योगदान दिया है। दलित महिला विकास मंडल का नेतृत्व करते हुए उन्होंने बाल विवाह, महिलाओं के अधिकारों की रक्षा तथा महिलाओं की संपत्ति का पंजीकरण कराने जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।
वह गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अभियान (पीसीपीएनडीटी) कानून के तहत बनी सरकारी समितियों की सदस्य हैं। इस कानून के क्रियान्वयन के लिए उन्होने बहुत कार्य किया। वर्षा देशपाडें कहती है, "प्रसूति पूर्व लिंग चुनाव पर काम के लिए मुझे जो संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या पुरस्कार दिया जा रहा है, वो मेरे लिए एक सम्मान की बात है।
ये पुरस्कार केवल मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है बल्कि उन असंख्य व्यक्तियों और संस्थाओं के सामुहिक प्रयासों को समर्पित है जो समुदाय के साथ जुड़कर सकारात्मक परिवर्तन लाने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए कार्यरत है। मैं आशा करती हूँ कि यह सम्मान प्रसूति पूर्व लिंग चयन जैसे गम्भीर मुद्दे पर नये सिरे से ध्यान केन्द्रित करने में सहायक होगा।
वैश्विक स्तर पर नेतृत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों की सूचि में सम्मिलित किया जाना मेरे लिए विनम्रता और प्रेरणा का स्त्रोत है। मैं उम्मीद करती हूँ कि मैं इस सम्मान के योग्य बन सकूँ और मुझ पर किये गये विश्वास को पूरी तरह निभा सकूँ।" यूएनएफपीए इंडिया की प्रतिनिधि और भूटान की कंट्री डायरेक्टर एंड्रिया एम. वोजनार ने कहा, "एक समतामूलक समाज के निर्माण के लिए वर्षा देशपांडे के अग्रणी प्रयास वास्तव में प्रशंसनीय हैं। लिंग, जाति या धर्म के आधार पर होने वाले सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता सराहनीय है।
उनके इस कार्य की वजह से लोग खासकर महिलायें औऱ लड़कियाँ गरिमा, अवसर और कल्याण के साथ जीवन व्यतीत कर रही हैं। मैं उनके जुनून की गहराई से सराहना करती हूँ और लिंग-पक्षपाती लिंग चयन जैसे संवेदनशील और अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दे पर काम करने के लिए उनके साहस की प्रशंसा करती हूँ।"
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या पुरस्कार के बारे में:
हर साल, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या पुरस्कार समिति किसी एक व्यक्ति और/या संस्था को सम्मानित करती है, जो जनसंख्या से जुड़े मुद्दों और प्रजनन स्वास्थ्य के क्षेत्र में शानदार योगदान देते हैं। यह पुरस्कार संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1981 में प्रस्ताव संख्या 36/201 के ज़रिए शुरू किया था और पहली बार 1983 में दिया गया था। अब यह पुरस्कार अपने 40वें वर्ष में पहुँच चुका है।
इस पुरस्कार में एक स्वर्ण पदक, एक सम्मान पत्र (डिप्लोमा) और नकद राशि दी जाती है। यह पुरस्कार देने वाली समिति 8 संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों से बनी होती है। साथ ही, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव और यूएनएफपीए के कार्यकारी निदेशक इसके स्थायी सदस्य होते हैं। हर साल 31 दिसंबर तक नामांकन स्वीकार किए जाते हैं। इस पुरस्कार की देखरेख यूएनएफपीए (UNFPA) करता है.
यूएनएफपीए, संयुक्त राष्ट्र की यौन एंव प्रजनन स्वास्थ्य एजेंसी है। इसका मिशन है हर गर्भावस्था वांछित हो, हर प्रसव सुरक्षित हो, और हर युवा अपनी पूरी क्षमता प्राप्त कर सके। यूएनएफपीए सभी के लिए प्रजनन अधिकार सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसकी सेवाओं में स्वैच्छिक परिवार नियोजन, गुणवत्तापूर्ण मातृत्व और स्वास्थ्य देखभाल एंव व्यापक यौन शिक्षा शामिल है।