कोरोना वायरस पर गर्मी का असर नहीं, तेज धूप में बढ़े कोविड-19 के मामले!

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: June 11, 2020 07:47 IST2020-06-11T07:47:52+5:302020-06-11T07:47:52+5:30

दुनिया भर में कोरोना वायरस के 74 लाख से ज्यादा केस आए हैं और चार लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. एक नए अध्ययन के अनुसार ज्यादा देर तक सूरज निकलने पर मामले अधिक होते देखे गए.

longer hours of sunlight linked to higher risk of COVID-19 infection | कोरोना वायरस पर गर्मी का असर नहीं, तेज धूप में बढ़े कोविड-19 के मामले!

कोविड-19 फैलाने वाले वायरस सार्स-सीओवी-2 को लेकर अभी भी बेहद सीमित जानकारी है (लोकमत फाइल फोटो)

Highlightsकोरोना वायरस की शुरुआत में कुछ रिपोर्ट्स में अनुमान जताया गया था कि गर्मियों में इसके मामले कम होंगेपत्रिका ‘जियोग्राफिकल एनालिसिस’ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार धूप निकलने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.इन्फ्लुएंजा और सार्स जैसे विषाणुजनित रोग कम तापमान और आर्द्रता में पनपते हैं,

टोरंटो। एक तरफ अधिक गर्मी और उमस से कोविड-19 का संक्रमण फैलने की रफ्तार कम होने की बात कही जा रही है तो वहीं एक नए अध्ययन में इस ओर इशारा किया गया है कि लंबे समय तक धूप खिली होने से महामारी के मामले बढ़ने की बात देखी गई. पत्रिका 'जियोग्राफिकल एनालिसिस' में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार धूप निकलने से लोग बड़ी संख्या में बाहर निकलने लगते हैं और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.

कनाडा के मैकमास्टर विश्वविद्यालय के नेतृत्व में हुए अध्ययन में अनुसंधानकर्ताओं ने इस बारे में व्यापक वैज्ञानिक बहस को लेकर जानकारी दी है कि मौसम में बदलाव से खासकर गर्मी के मौसम से कोविड-19 के फैलने की रफ्तार पर क्या असर पड़ता है. अनुसंधानकर्ता बताते हैं कि इंफ्लुएंजा और सार्स जैसे विषाणुजनित रोग कम तापमान और आर्द्रता में पनपते हैं, वहीं कोविड-19 फैलाने वाले वायरस सार्स-सीओवी-2 को लेकर इस बारे में कम ही जानकारी है. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने का बहुत दबाव है और कई लोग जानना चाहते हैं कि क्या गर्मियों के महीनों में यह सुरक्षित होगा.

मैकमास्टर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और प्रमुख अध्ययनकर्ता अंतोनियो पायेज ने कहा, ''आंशिक रूप से आवाजाही पर पाबंदियों पर निर्भर करता है कि मौसम में बदलाव से सार्स-सीओवी-2 पर क्या प्रभाव पड़ेगा. दुनियाभर में अब पाबंदियों में ढील देना शुरू कर दिया गया है.'' पायेज और उनके सहयोगियों ने स्पेन के कई प्रांतों में कोविड-19 फैलने में जलवायु संबंधी कारकों की भूमिका की पड़ताल की.

उन्होंने आपातकालीन स्थिति की घोषणा से ठीक पहले 30 दिन की अवधि में संक्रमण के मामलों की संख्या और मौसम संबंधी जानकारी संकलित की और उसका विश्लेषण किया. अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि अधिक गर्मी और आर्द्रता में 1% की बढ़ोत्तरी होने पर कोविड-19 के मामलों में 3% की गिरावट दर्ज की गई, जिसकी वजह संभवत: अधिक तापमान की वजह से वायरस की क्षमता कम होना है.

उन्होंने कहा कि अधिक धूप की स्थिति में उलटी ही बात देखने में आई. ज्यादा देर तक सूरज निकलने पर मामले अधिक होते देखे गए. अनुसंधानकर्ताओं का अनुमान है कि इसकी वजह मानवीय व्यवहार से जुड़ी हो सकती है. धूप खिली होने पर लोगों के लॉकडाउन के नियमों को तोड़ते हुए बाहर निकलना हो सकता है. 

Web Title: longer hours of sunlight linked to higher risk of COVID-19 infection

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