लॉकडाउन में प्रभावित हुआ बच्चों का भाषाई कौशल, परिजन कर सकते हैं सीखने में मदद

By भाषा | Updated: May 20, 2021 16:39 IST2021-05-20T16:39:49+5:302021-05-20T16:39:49+5:30

Linguistic skills of children affected in lockdown, family can help learning | लॉकडाउन में प्रभावित हुआ बच्चों का भाषाई कौशल, परिजन कर सकते हैं सीखने में मदद

लॉकडाउन में प्रभावित हुआ बच्चों का भाषाई कौशल, परिजन कर सकते हैं सीखने में मदद

युवोन रेन, ब्रिस्टल विश्वविद्यालय

ब्रिस्टल (ब्रिटेन), 20 मई (द कन्वर्सेशन) वैश्विक महामारी के कारण बच्चों को स्कूल गए साल भर से अधिक समय हो गया है जिसका अर्थ है कि बच्चों ने शिक्षकों, मित्रों और परिवार के साथ सामान्य से कम बातचीत की है। इस स्थिति में सबसे बड़ा प्रश्न यह उठता है कि घरों में बंद रहने के कारण बातचीत सीखने का जो उनका तरीका है, उसमें कैसे परिवर्तन आया होगा?

क्या लॉकडाउन और कोविड-19 संबंधित अन्य उपायों ने बच्चों के बोलने के ढंग एवं भाषाई कौशल को ग्रहण करने के तरीके को प्रभावित किया है? बोलने का ढंग और भाषाई कौशल शैक्षणिक एवं सामाजिक विकास के लिए काफी महत्त्वपूर्ण होता है। यदि बच्चों की बोलने का ढंग सीखने की प्रक्रिया बाधित हुई है तो इस बारे में परिजन क्या कर सकते हैं? इन प्रश्नों को लेकर एक सर्वेक्षण किया गया है।

एजुकेशन एंडाउमेंट फाउंडेशन द्वारा कराए गए स्कूलों एवं परिजन के हालिया सर्वेक्षण में पाया गया कि जिन बच्चों ने 2020 में स्कूल शुरू किया उन्हें उससे पहले के वर्षों में स्कूली शिक्षा शुरू करने वालों के मुकाबले ज्यादा प्रोत्साहन की जरूरत है।

परिणामों में पाया गया कि चिंता का सबसे बड़ा कारण संचार और भाषाई विकास है जिसमें 96 प्रतिशत (57 में से 55) स्कूलों ने कहा कि वे इसे लेकर ‘‘बहुत चिंतित’’ या “काफी चिंतित’’ हैं। इसके अलावा निजी, सामाजिक एवं भावनात्मक विकास (91 प्रतिशत) दूसरा बड़ा कारण है और तीसरे बड़े कारण में शामिल है साक्षरता (89 प्रतिशत), ये सभी कौशल मजबूत बोली, भाषा और संचार क्षमताओं के विकास पर बहुत अधिक निर्भर हैं।

लॉकडाउन के प्रभावों की बात करें तो माता-पिता ने पूरी महामारी के दौरान बच्चों को सुरक्षित एवं सेहतमंद रखकर शानदार काम किया है। बच्चों के लिए सीमित गतिविधियां उपलब्ध होने और रिश्तेदारों से मिलने पर प्रतिबंध कई के लिए चुनौती भरा रहा है।

किंतु इसने नयर शब्दावली से बच्चों के संपर्क को घटा दिया है- ऐसे शब्द जो वे बाजार जाने या रिश्तेदारों के घर जाने के दौरान प्रयोग करते। यह महत्त्वपूर्ण है क्योंकि हम जानते हैं कि दो वर्ष की आयु में शब्दावली का स्तर स्कूल में प्रवेश पर बच्चों के प्रदर्शन का अनुमान लगाता है जो अपने आप में बाद के नतीजों का अनुमान जाहिर करता है।

वहीं, मास्क पहनने के प्रभावों को समझा जाए तो वैश्विक महामारी ने हमें यह महसूस कराया है कि हम होंठ हिलाकर कही गई बातों पर कितना निर्भर रह सकते हैं। बोलने के दौरान होठों की हरकत न देख पाने और मास्क के पीछे से निकलने वाली आवाज ने हमारे लिए दूसरे की बातों को समझना मुश्किल बना दिया है। यह कई बच्चों के लिए खासतौर पर एक समस्या है जिन्हें ग्लू इयर (कान में संक्रमण) की समस्या होती है जिससे कम उम्र में ही अस्थायी तौर पर उनके सुनने की शक्ति जा सकती है।

स्कूल और प्री स्कूल में, बच्चों को एक जैसी आवाजों जैसे ‘पी’ और ‘टी’ में भेद करने में संघर्ष करना पड़ सकता है जब उनके शिक्षक मास्क पहनकर बोलते होंगे। इससे बच्चों का वाक कौशल प्रभावित होगा ही अथवा ध्वनियों को समझने में भी दिक्कतें आएंगी।

मास्क के कारण चेहरे के हाव-भाव भी समझने में परेशानी होती है जो हमें बोले गए शब्दों के अर्थ समझाने में मदद करते हैं।

इन परेशानियों से उबारने के लिए कई बच्चों के लिए वाक एवं भाषा उपचार देने की जरूरत पड़ सकती है।

हालांकि, परिजन की भूमिक बहुत महत्त्वपूर्ण है और वे बच्चों को बोलना सिखाने में मदद करने के लिए कई चीजें कर सकते हैं। पहले उन्हें बच्चों कि दिलचस्पी के बारे में जानना होगा। उसके बाद बच्चों से बात करने के लिए साधारण वाक्यों का इस्तेमाल करना होगा और चेहरे के हाव-भाव तथा कई सारे उतार-चढ़ाव इस्तेमाल कर अपनी आवाज को रोचक बना सकते हैं। बच्चों को समझाने के लिए कई बार बातों को दोहराने की जरूरत पड़ती है तो किसी भी एक चीज के बारे में विस्तार से बताने के लिए एक जैसे शब्दों का बार-बार इस्तेमाल कर सकते हैं।

बच्चों को जो पसंद हो उसके बारे में बात करें। बच्चा जो बोले और कहे, उसपर प्रतिक्रिया दें ताकि वे शब्दों एवं वाक्यों को उनके अर्थों से जोड़ पाएं। अब जब प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील दी जाएगी तो उन्हें पुस्तकालयों, संग्रहालयों, पार्कों आदि में ले जाकर उनकी शब्दावली को समृद्ध बनाएं।

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Web Title: Linguistic skills of children affected in lockdown, family can help learning

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