क्रेमलिन: पुतिन के पश्चिम से सुरक्षा गारंटी के प्रयास का समर्थन करते हैं शी
By भाषा | Updated: December 15, 2021 21:01 IST2021-12-15T21:01:47+5:302021-12-15T21:01:47+5:30

क्रेमलिन: पुतिन के पश्चिम से सुरक्षा गारंटी के प्रयास का समर्थन करते हैं शी
मास्को, 15 सितंबर (एपी) क्रेमलिन ने कहा कि नाटो के पूर्व की तरफ विस्तार को बंद कर पश्चिम से सुरक्षा गारंटी प्राप्त करने के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रयास का चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने समर्थन किया है। दोनों नेताओं ने बुधवार को डिजिटल शिखर वार्ता की।
पुतिन और शी की बातचीत ऐसे समय में हुई है जब मास्को यूक्रेन की सीमा के पास रूसी सेना के जमावड़े को लेकर पश्चिम के साथ तनाव का सामना कर रहा है। हाल के हफ्तों में, पश्चिमी राष्ट्र यूक्रेन पर संभावित आक्रमण को रोकने के लिए राजनयिक प्रयासों में लगे हुए हैं। क्रेमलिन ने अपने पड़ोसी पर हमला करने की योजना से इनकार किया है।
इसबीच पुतिन ने इस बात की गारंटी मांगी है कि नाटो यूक्रेन में विस्तार नहीं करेगा और अपने सैनिकों या हथियारों की वहां तैनाती नहीं करेगा।
पुतिन के विदेश मामलों के सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा कि उन्होंने (पुतिन ने) बुधवार को शी को “अमेरिका और नाटो से रूस के राष्ट्रीय हितों के लिए बढ़ते खतरों के बारे में बताया, जो लगातार अपने सैन्य बुनियादी ढांचे को रूसी सीमाओं के करीब ला रहे हैं।”
उशाकोव के अनुसार, रूसी नेता ने कानूनी रूप से बाध्यकारी सुरक्षा गारंटी पर नाटो और अमेरिका के साथ बातचीत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उशाकोव ने कहा कि शी ने यह कहते हुए जवाब दिया कि वह “रूस की चिंताओं को समझते हैं और रूस के लिए इन सुरक्षा गारंटी को पूरा करने के लिए हमारी पहल का पूरा समर्थन करते हैं।”
उन्होंने कहा कि मास्को के प्रस्तावों से यूरोपीय और यूरेशियाई मामलों के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री केरेन डोनफ्रिड को अवगत करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि डोनफ्रिड ने बुधवार को मास्को का दौरा किया और रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव से मुलाकात की।
हाल के वर्षों में, चीन और रूस ने अंतरराष्ट्रीय आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था के अमेरिकी वर्चस्व का मुकाबला करने के लिए अपनी विदेश नीतियों को तेजी से संरेखित किया है। दोनों को अपनी आंतरिक नीतियों को लेकर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है।
चीन को अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के खिलाफ दुर्व्यवहार और हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन पर अपनी कार्रवाई के लिए प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है।
इस बीच रूस को यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा करने और विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी को जहर देने और कारावास में रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है।
बीजिंग और वाशिंगटन भी व्यापार, प्रौद्योगिकी और ताइवान को चीन की सैन्य धमकी पर आमने-सामने रहते हैं। चीन ताइवान पर अपने क्षेत्र के तौर पर दावा करता है।
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