कोविड-19 के नये स्वरूप के बारे में जानी-अनजानीं बातें

By भाषा | Updated: November 29, 2021 10:32 IST2021-11-29T10:32:23+5:302021-11-29T10:32:23+5:30

Known and unknown things about the new form of Kovid-19 | कोविड-19 के नये स्वरूप के बारे में जानी-अनजानीं बातें

कोविड-19 के नये स्वरूप के बारे में जानी-अनजानीं बातें

लंदन, 29 नवंबर (एपी) दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के एक नये स्वरूप की पहचान की और उसे देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले प्रांत, गोतेंग में हाल में संक्रमण के मामले बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

यह अस्पष्ट है कि नया स्वरूप पहली बार कहां सामने आया, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने हाल के दिनों में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को इसे लेकर सतर्क किया और अब इसके मामले ऑस्ट्रेलिया, इज़राइल, नीदरलैंड सहित कई देशों में भी सामने आ रहे हैं।

डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को, इसे ‘‘चिंताजनक स्वरूप’’ बताया और इसे ‘ओमीक्रोन’ नाम दिया।

ओमीक्रोन के बारे में हम क्या जानते हैं?

दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री जो फाहला ने कहा कि यह स्वरूप पिछले कुछ दिनों में संक्रमण के मामलों में हुई ‘‘बेतहाशा वृद्धि’’ के लिए जिम्मेदार है।

देश में हाल के हफ्तों में हर दिन करीब 200 नये मामले सामने आने के बाद, दक्षिण अफ्रीका में शनिवार को 3,200 से अधिक नये मामले सामने आए। इनमें से अधिकांश गोतेंग में सामने आए।

संक्रमण के मामलों में अचानक वृद्धि को समझा पाने में संघर्ष कर रहे वैज्ञानिकों ने वायरस के नमूनों का अध्ययन किया और नये स्वरूप की खोज की। अब, ‘क्वाजुलु-नताल रिसर्च इनोवेशन एवं सीक्वेंसिंग प्लेटफॉर्म’ की निदेशक तुलिया डी ओलिवेरा के मुताबिक गोतेंग में 90 प्रतिशत से अधिक मामले इसी स्वरूप के हैं।

नये स्वरूप को लेकर क्यों चिंतित हैं वैज्ञानिक?

डेटा का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों के एक समूह को बुलाने के बाद, डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अन्य प्रकारों की तुलना में "प्रारंभिक साक्ष्य इस स्वरूप से पुन: संक्रमण के बढ़ते जोखिम का सुझाव देते हैं।"

इसका मतलब है कि जो लोग संक्रमण से उबर चुके हैं, वे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। समझा जाता है कि इस नये स्वरूप में कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में सबसे ज्यादा, करीब 30 बार परिवर्तन हुए हैं जिससे इसके आसानी से लोगों में फैलने की आशंका है।

ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में कोविड-19 की जीनोम सीक्वेंसिंग की अगुवाई करने वाली शेरोन पीकॉक ने कहा कि अब तक के आंकड़ों से पता चलता है कि नये स्वरूप में परिवर्तन ‘‘बढ़े हुए प्रसार के अनुरूप’’ है, लेकिन "कई परिवर्तनों के असर" का अब भी पता नहीं चल पाया है।’’

वारविक विश्वविद्यालय के विषाणु विज्ञानी लॉरेंस यंग ने ‘ओमीक्रोन’ को कोविड-19 का ‘‘अब तक का सबसे अधिक परिवर्तित स्वरूप" बताया, जिसमें संभावित रूप से चिंताजनक परिवर्तन शामिल हैं जो पहले कभी भी एक ही वायरस में नहीं देखे गए थे।

वायरस के बारे में क्या पता है और क्या नहीं?

वैज्ञानिकों को पता चला है कि ‘ओमीक्रोन’, बीटा और डेल्टा स्वरूप सहित पिछले स्वरूपों से आनुवंशिक रूप से अलग है, लेकिन यह नहीं पता चल पाया कि क्या ये आनुवंशिक परिवर्तन इसे और अधिक संक्रामक या घातक बनाते हैं। अब तक, कोई संकेत नहीं मिले हैं कि स्वरूप अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।

यह पता करने में संभवत: हफ्तों लग सकते हैं कि क्या ओमीक्रोन अधिक संक्रामक है और क्या टीके इसके खिलाफ प्रभावी हैं या नहीं।

इंपीरियल कॉलेज लंदन में प्रायोगिक चिकित्सा के प्रोफेसर पीटर ओपेनशॉ ने कहा कि यह काफी हद तक ‘‘असंभव’’ है कि वर्तमान टीके काम ना करें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि टीके कई अन्य स्वरूपों के खिलाफ प्रभावी हैं।

यहां नया स्वरूप उभरा कैसे?

कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के साथ ही अपना रूप बदलता रहता है और इसके नए स्वरूप सामने आते हैं, जिनमें से कुछ काफी घातक होते हैं लेकिन कई बार वे खुद ही खत्म भी हो जाते हैं। वैज्ञानिक उन संभावित स्वरूपों पर नजर रखते हैं, जो अधिक संक्रामक या घातक हो सकते हैं। वैज्ञानिक यह भी पता लगाने की कोशिश करते हैं कि क्या नया स्वरूप जन स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है या नहीं।

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Web Title: Known and unknown things about the new form of Kovid-19

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