'कनिष्क बम विस्फोट ने दिखाया कि खालिस्तानी आतंकवाद मानवता को गहरा जख्म दे सकता है'
By भाषा | Updated: June 24, 2021 16:06 IST2021-06-24T16:06:22+5:302021-06-24T16:06:22+5:30

'कनिष्क बम विस्फोट ने दिखाया कि खालिस्तानी आतंकवाद मानवता को गहरा जख्म दे सकता है'
ओटावा, 24 जून 1985 में एअर इंडिया के विमान एआई 182 को बम विस्फोट से उड़ाने की भयावह आतंकवादी घटना ने दुनिया को दिखाया कि खालिस्तानी आतंकवाद मानवता को ‘‘काफी गहरा’’ जख्म दे सकता है। यह बात कनाडा में भारतीय राजदूत ने ‘कनिष्क’ त्रासदी की 36वीं बरसी पर 329 मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए कही।
आतंकवाद के बर्बर कृत्य का शिकार लोगों को उनके परिवार एवं दोस्तों के साथ श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कनाडा में भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने कहा कि यह कनाडा पर सबसे खतरनाक आतंकवादी हमला था और इस तरह के हमले को कोई भी धर्म या मत उचित नहीं ठहरा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘सबसे अधिक मृतक कनाडा के थे और कनाडा में षड्यंत्र रचकर यह बम विस्फोट किया गया। यह मूलत: कनाडाई त्रासदी, ब्रिटिश त्रासदी, अमेरिकी त्रासदी और वैश्विक त्रासदी थी। कनाडा इस दिन को आतंकवाद पीड़ितों की याद में राष्ट्रीय दिवस के तौर पर मनाता है।’’
बिसारिया ने कहा, ‘‘यह भयावह घटना दुनिया को बताती है कि खालिस्तानी आतंकवाद मानवता को कितना गहरा जख्म दे सकता है।’’
मांट्रियल-नई दिल्ली एअर इंडिया के विमान ‘कनिष्क’ 182 में 23 जून 1985 को लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर उतरने से 45 मिनट पहले विस्फोट हो गया जिससे विमान में सवार सभी 329 लोगों की मौत हो गई। इनमें से अधिकतर भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक थे।
बम विस्फोट का आरोप सिख आतंकवादियों पर लगा जिन्होंने 1984 में स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए चलाए गए ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ का बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया था।
बम विस्फोट का शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां के कमिशनर्स पार्क में सभा का आयोजन हुआ। विभिन्न भारतीय महावाणिज्य दूतों ने भी कनाडा के अलग-अलग शहरों में दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि दी।
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