आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में जेयूडी प्रमुख हाफिज सईद के प्रवक्ता को 15 साल की जेल

By भाषा | Updated: December 3, 2020 19:22 IST2020-12-03T19:22:26+5:302020-12-03T19:22:26+5:30

JUD chief Hafiz Saeed's spokesman jailed for 15 years for financing terrorism | आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में जेयूडी प्रमुख हाफिज सईद के प्रवक्ता को 15 साल की जेल

आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में जेयूडी प्रमुख हाफिज सईद के प्रवक्ता को 15 साल की जेल

(एम जुल्करनैन)

लाहौर, तीन दिसंबर पाकिस्तान की आतंक रोधी अदालत ने मुंबई हमले के सरगना और जमात-उद-दावा (जेयूडी) प्रमुख हाफिज सईद के प्रवक्ता याह्या मुजाहिद को आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में 15 साल जेल की सजा सुनायी है।

आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने आतंकवाद के वित्तपोषण के दो मामलों में पिछले महीने मुजाहिद को 32 साल की सजा सुनायी थी।

मुजाहिद के अलावा, एटीसी लाहौर ने बुधवार को जेयूडी के नेता जफर इकबाल को 15 साल और जेयूडी प्रमुख हाफिज सईद के रिश्तेदार प्रोफेसर हाफिज अब्दुल रहमान मक्की को छह महीने जेल की सजा सुनायी।

इससे पहले, एटीसी लाहौर ने इस तरह के तीन मामलों में इकबाल को 26 साल कारावास की सजा सुनायी थी।

आतंक रोधी अदालत के न्यायाधीश इजाज अहमद बतर ने आतंकवाद रोधी कानून 1997 के विभिन्न प्रावधानों के तहत सजा सुनायी। न्यायाधीश ने जब सजा सुनायी उस वक्त तीनों दोषी अदालत में मौजूद थे।

पंजाब पुलिस के आतंक रोधी विभाग (सीटीडी) ने विभिन्न मामलों में सईद समेत जेयूडी के नेताओं के खिलाफ अलग-अलग शहरों में 41 प्राथमिकियां दर्ज की थी। निचली अदालत इनमें से 25 मामलों में सजा सुना चुकी है ।

आतंक रोधी अदालत आतंकवाद रोधी कानून 1997 की धाराओं के तहत सईद को चार मामले में 21 साल की सजा सुना चुकी है ।

सईद के नेतृत्व वाला जेयूडी, लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है । मुंबई में 2008 में आतंकी हमले में 166 लोगों की मौत हो गयी थी और इसके लिए लश्कर-ए-तैयबा को दोषी ठहराया गया था।

अमेरिका ने सईद का नाम आतंकियों की सूची में डाल रखा है और 2012 से ही उस पर एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित है । हाफिज सईद लाहौर की कोट लखपत जेल में है।

सईद और मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई समेत कई और निर्देशों को पूरा नहीं कर पाने के कारण धनशोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण पर रोक के लिए वैश्विक संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) ने फरवरी 2021 तक पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में रखा है। एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान का नाम ‘ग्रे लिस्ट’ में डाल दिया था और 2019 के अंत तक धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण पर कदम उठाने को कहा था लेकिन आगे कोविड-19 महामारी के कारण समय सीमा बढ़ा दी गयी।

‘ग्रे लिस्ट’ में बने रहने से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएफएम), विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और यूरोपीय संघ से वित्तीय मदद हासिल करने में कठिनाई होगी तथा पहले से खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को और नुकसान होगा।

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Web Title: JUD chief Hafiz Saeed's spokesman jailed for 15 years for financing terrorism

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