दोहा, 15 जून विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को अचानक कतर की राजधानी में अफगानिस्तान सुलह प्रक्रिया के लिए विशेष अमेरिकी दूत जलमय खलीलजाद के साथ मुलाकात की और युद्धग्रस्त राष्ट्र एवं क्षेत्र को लेकर विचार साझा किए। यह एक हफ्ते के अंदर विदेश मंत्री का खाड़ी देश का दूसरा दौरा है।
अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता के पक्षधर भारत ने राष्ट्रीय शांति एवं सुलह प्रक्रिया का समर्थन किया है।
जयशंकर ने ट्वीट कर कहा, '' दोहा में अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया के लिए विशेष अमेरिकी दूत जलमय खलीलजाद के साथ मुलाकात की। अफगानिस्तान एवं क्षेत्र को लेकर विचारों का आदान-प्रदान जारी रखा।''
विदेश मंत्रालय ने जयशंकर और खलीलजाद के बीच बैठक के बारे में पूर्व में कोई घोषणा नहीं की थी।
जयशंकर का दोहा दौरा ऐसे वक्त हो रहा है, जब अमेरिकी सेना 11 सितंबर से पहले युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान से निकलने की तैयारी कर रही है। अमेरिका और तालिबान ने युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में शांति और अमेरिकी सैनिकों की वापसी का रास्ता साफ करने के लिये कई दौर की बातचीत के बाद 29 फरवरी 2020 में दोहा में एक ऐतिहासिक समझौते पर दस्तखत किये थे।
भारत अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता का अहम हितधारक है और राष्ट्रीय शांति व सुलह प्रक्रिया का समर्थन करता है, जो अफगान नेतृत्व वाली, अफगानों के स्वामित्व वाली और अफगान नियंत्रित हो।
इससे पहले मार्च की शुरुआत में भी जयशंकर ने खलीलजाद के साथ फोन पर बातचीत की थी और अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया की प्रगति के संबंध में चर्चा की थी।
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