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अफगानिस्तान को अलग-थलग करने के गंभीर परिणाम होंगे: पाक विदेश मंत्री कुरैशी

By भाषा | Updated: September 10, 2021 20:52 IST

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इस्लामाबाद, 10 सितंबर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि अफगानिस्तान के प्रति नयी सकारात्मक सोच रखी जानी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अफगानिस्तान को अलग-थलग करने से अफगान लोगों, क्षेत्र तथा दुनिया के लिए गंभीर परिणाम होंगे।

कुरैशी ने स्पेन के विदेश मंत्री जोस मैनुअल अलबेयर्स के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी की। अलबेयर्स अफगानिस्तान के ताजा हालात पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को इस्लामाबाद पहुंचे। दोनों नेताओं ने मीडिया वार्ता से पहले विदेश मंत्रालय में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की।

कुरैशी ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान को अलग-थलग करने के गंभीर परिणाम होंगे और वो अफगान जनता, क्षेत्र तथा दुनिया के लिए सहायक नहीं होंगे।’’

उन्होंने कहा कि डराने-धमकाने, दबाव और बलप्रयोग की नीति काम नहीं आई। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अफगानिस्तान के संबंध में नयी सकारात्मक सोच अपनानी होगी।’’

कुरैशी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि अफगानिस्तान में नयी वास्तविकताओं को पहचाना जाए और शांति के लिए तालिबान के साथ संवाद कायम किया जाए। उन्होंने विश्व से आग्रह किया कि अफगानिस्तान में मानवीय संकट को रोकने पर ध्यान दिया जाए और संतोष जताया कि देश के लिए धन जुटाने की खातिर जिनेवा में सम्मेलन होने जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हालात को बेहतर बनाने की दिशा में पाकिस्तान योगदान दे रहा है और उसने भोजन सामग्री तथा चिकित्सा आपूर्ति लेकर नौ सितंबर को एक विमान भेजा था, तथा हवाई और जमीनी मार्ग से और मानवीय सहायता भेजने का वादा किया है।

कुरैशी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपना अनुरोध दोहराया कि वह अफगानिस्तान को आर्थिक मोर्चे पर विफल होने से रोकने के लिए कदम उठाए और संसाधन उपलब्ध करवा कर तथा आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देकर यह किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के कोष पर रोक लगाने का फैसला मददगार नहीं होगा तथा इस पर पुन: विचार करना जरूरी है।

स्पेन के विदेश मंत्री ने अफगान लोगों की मदद के लिए पाकिस्तान और अन्य क्षेत्रीय देशों के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान और स्पेन दोनों ही अफगानिस्तान में स्थिरता एवं शांति चाहते हैं, हम चाहते हैं कि अफगान लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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