ईरान के सुप्रीम नेता आयतुल्ला अली खामनेई ने अमेरिकी बेस पर हमले के बाद कहा है कि यह अमेरिका के मुंह पर तमाचा है। उन्होंने अपने भाषण में कासिम सुलेमानी को याद करते हुए कहा कि वह एक बहादुर योद्धा था और उसमें कोई भी दोहरापन नहीं था। खामनेई ने कहा कि सुलेमानी एक क्रांतिकारी था और हमेशा इसके लिए तैयार रहा। साथ ही खामनेई ने कहा कि सुलेमानी में अमेरिका के पश्चिमी एशिया को लेकर जितनी भी योजनाएं है, उसे धवस्त करने की क्षमता थी। खामनेई ने कहा, 'आज हम सुलेमानी के अच्छे विचारों के शुक्रगुजार हैं। सुलेमानी की शहीदी ने दुनिया को हमारे क्रांति की जीवंतता को दुनिया को दिखा दिया है।'
अमेरिका पर निशाना साधते हुए खाननेई ने कहा, 'अमेरिका इराक को सऊदी अरब की तरह वो जरिया बनाना चाहता है, जहां से उसकी मोटी कमाई हो सके। सुलेमानी ने खुद को शहीद कर हमे जगा दिया है और हमारे दुश्मनों को हमारी क्षमता का अंदाजा होना चाहिए।' खामनेई ने कहा कि ये अब समय आ गया है कि हम अपने दुश्मनों को ठीक से पहचान लें और ये बहुत जरूरी है।
बता दें कि पिछले हफ्ते अमेरिका के एक ड्रोन हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के सुप्रीम कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराने के बाद ही दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर हैं। अमेरिका ने सुलेमानी को इराक में उस समय ड्रोन हमले में मार गिराया जब वह बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा से रवाना हुआ।
हमले में ईरान के शक्तिशाली हशद अल-शाबी अर्द्धसैनिक बल के उप प्रमुख और कुछ अन्य ईरान समर्थित स्थानीय मिलिशिया भी मारे गए। इसके बाद से ही आशंका जताई जा रही थी कि ईरान भी कोई बड़ा कदम उठा सकता है। जनरल सुलेमानी को ईरान में सबसे ताकतवर माना जाता था। उसकी कुद्स फोर्स ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की एक इकाई था जो सीधे-सीधे आयतुल्ला को रिपोर्ट करता है और उन्हें देश के नायक के तौर पर सराहा जाता है।