लाइव न्यूज़ :

ईरान ऑस्ट्रेलिया या भारत जैसा “एक जिम्मेदार लोकतंत्र नहीं है,” उसपर हथियार प्रतिबंध बढ़ाए जाएं, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने UNSC से कहा

By भाषा | Updated: July 1, 2020 13:30 IST

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि ईरान में लोकतंत्र जिम्मेदार नहीं है। यहां पर हथियार प्रतिबंध बढ़ा देनी चाहिए।

Open in App
ठळक मुद्देईरान रूस निर्मित लड़ाकू विमानों खरीदने के लिए स्वतंत्र हो जाएगा जो रियाद, नई दिल्ली, रोम और वारसा को ईरान के निशाने पर ले आएगा। विश्व के सबसे नृशंस आतंकवादी शासन पर लगाए गए हथियार प्रतिबंध की अवधि 18 अक्टूबर यानि अब से केवल चार महीने में समाप्त हो रही है।अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के पक्ष में खड़ा हो या संयुक्त राष्ट्र के मिशन का “विश्वासघात कर” ईरान पर हथियार प्रतिबंध समाप्त होने दे।

संयुक्त राष्ट्रः अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से कहा कि ईरान ऑस्ट्रेलिया या भारत जैसा “एक जिम्मेदार लोकतंत्र नहीं है,” इसलिए तेहरान पर हथियार प्रतिबंधों की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए।

पोम्पिओ ने कहा कि ऐसा न करने पर ईरानरूस निर्मित लड़ाकू विमानों खरीदने के लिए स्वतंत्र हो जाएगा जो रियाद, नई दिल्ली, रोम और वारसा को ईरान के निशाने पर ले आएगा। उन्होंने मंगलवार की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की डिजिटल बैठक में कहा, “पूर्व अमेरिकी प्रशासन द्वारा खामियों से भरा परमाणु करार करने की वजह से, विश्व के सबसे नृशंस आतंकवादी शासन पर लगाए गए हथियार प्रतिबंध की अवधि 18 अक्टूबर यानि अब से केवल चार महीने में समाप्त हो रही है।”

पोम्पिओ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पास एक ही विकल्प

पोम्पिओ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पास एक ही विकल्प है- या तो वह अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के पक्ष में खड़ा हो या संयुक्त राष्ट्र के मिशन का “विश्वासघात कर” ईरान पर हथियार प्रतिबंध समाप्त होने दे। उन्होंने कहा, “अगर आप कार्रवाई करने में विफल रहते हैं तो ईरान रूस निर्मित लड़ाकू विमान खरीदने के लिए स्वतंत्र हो जाएगा, जो 3,000 किलोमीटर तक के दायरे में हमला कर सकते हैं, जिससे रियाद, नयी दिल्ली, रोम और वारस ईरान के निशाने पर आ सकते हैं।’’

अमेरिका के शीर्ष राजनयिक ने कहा कि अगर हथियार प्रतिबंधों की अवधि बढ़ाई नहीं गई तो ईरान अंतरराष्ट्रीय पोत परिवहन को और जोखिम में डालने के लिए अपनी पनडुब्बियों के बेड़े बढ़ा लेगा और उसे हरमूज जलडमरूमध्य, फारस की खाड़ी और अरब सागर में नौवहन की स्वतंत्रता के लिए और खतरा बढ़ा देगा।

उन्होंने कहा, “ईरान पश्चिम एशिया की आर्थिक स्थिरता को जोखिम में डाल सकता है जो रूस और चीन जैसे राष्ट्रों के लिए खतरा उत्पन्न करेगा जो स्थिर ऊर्जा कीमतों पर निर्भर रहते हैं। ईरान हथियारों का दुष्ट सौदागार बन सकता है, वेनेजुएला से लेकर सीरिया से अफगानिस्तान तक संघर्षों को बढ़ावा देने के लिए हथियारों की आपूर्ति कर सकता है।” 

टॅग्स :ईरानइराकअमेरिकाचीनरूसडोनाल्ड ट्रम्पदिल्लीसंयुक्त राष्ट्र
Open in App

संबंधित खबरें

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

क्राइम अलर्टDelhi: जाफराबाद में सड़क पर झड़प, गोलीबारी के बाद 3 गिरफ्तार

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

विश्व अधिक खबरें

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए