ईरान से पहले भी कई देशों ने गलती से मार गिराया विमान, अमेरिका से इजरायल तक शामिल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 11, 2020 13:54 IST2020-01-11T13:01:54+5:302020-01-11T13:54:58+5:30
78 लोगों को ले जा रहे विमान पर यूक्रेन की सेना ने यह समझकर हमला कर दिया था कि यह रूसी फाइटर जेट है। विमान इजरायल की राजधानी तेल अवीव से नोवोसिबिर्स्क जा रहा था।

इजराइल से भी चूक हुई है।
ईरान ने आज मानीं है कि उसके देश से करीब 176 लोगों को लेकर जा रहे विमान को अपनी ही गलती से ईरान ने मार गिराया है। इस हादसे में करीब 176 लोगों की मौत हो गई थी। खुद ईरान के सबसे बड़े नेता खुमैनी ने माना है कि यह एक अक्षम्य व अपनी ही गलती से हुई बड़ी घटना है। बता दें कि यूक्रेन का यह विमान ईरान से ही यात्रियों को लेकर जा रहा था। आइये जानते हैं कि इतिहास में किन देशों ने इस तरह की चूक की हैं-
जापान ने अमेरिकी विमान को गिरा दी थीं-
जापान के 5 मिलिट्री प्लेन्स ने चीनी-अमेरिकी विमान DC-2 को मार गिराया था। इस विमान ने हॉन्गकॉन्ग से चीन के चॉन्गकिंग के लिए उड़ान भरी थी। इस घटना में 14 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन अमेरिकी पायलट बच गया था। यह वह दौर था, जब चीन और जापान के बीच युद्ध चल रहा था।
जिम्बाब्वे ने अपने ही विमान को मार गिराया था-
3 सितंबर 1978 और फिर 12 फरवरी, 1979 को जिम्बाब्वे ने एक जैसी गलती करते हुए दो विमानों को मार गिराया था। इन घटनाओं में करीब 100 लोगों की मौत हो गई थी।
इजराइल से भी चूक हुई है-
लीबिया की राजधानी त्रिपोली से काहिरा जा रहे बोइंग 727-200 विमान को इजरायल ने सिनाई रेगिस्तान में मार गिराया था। इस हादसे में विमान में सवार 113 लोगों में से सिर्फ 5 ही बच पाए थे।
इटली ने हिराया अपना ही विमान-
इटली ने अपनी ही एयरलाइन कंपनी इटाविया के विमान 870 को मार गिराया था। इस घटना में विमान में बैठे सभी 81 लोगों की मौत हो गई थी। जांच में यह बात सामने आई थी कि इटली की मिसाइल के हमले में विमान गिरा था।
यूक्रेन ने साइबेरियाई विमान को गिराया
78 लोगों को ले जा रहे विमान पर यूक्रेन की सेना ने यह समझकर हमला कर दिया था कि यह रूसी फाइटर जेट है। विमान इजरायल की राजधानी तेल अवीव से नोवोसिबिर्स्क जा रहा था।
यूक्रेन के आसमान से गिराया गया था विमान
नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम से कुआलालाम्पुर जा रहे मलयेशियाई विमान MH17 को पूर्वी यूक्रेन के आसमान में मार गिराया गया था। एक अंतरराष्ट्रीय जांच दल ने इस मामले में चार लोगों को जिम्मेदार ठहराया था, जिनमें से तीन रूसी खुफिया विभाग से जुड़े थे। मॉस्को ने इसमें अपनी भूमिका को खारिज किया था, लेकिन पश्चिम देशों के मुताबिक रूस सरकार के समर्थन वाले अलगाववादियों के हमले में ही विमान गिरा था।