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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 'जमात-ए-इस्लामी' से प्रतिबंध हटाया, भारत विरोध के लिए कुख्यात है पार्टी

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: August 28, 2024 20:04 IST

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बुधवार को देश की सबसे बड़ी इस्लामी पार्टी बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी और उसकी छात्र शाखा बांग्लादेश इस्लामी छात्र शिबिर पर पिछली शेख हसीना सरकार द्वारा लगाया गया प्रतिबंध हटा दिया।

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ठळक मुद्देबांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 'जमात-ए-इस्लामी' से प्रतिबंध हटायापार्टी और उसके सभी संबद्ध संगठनों पर लगे प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से वापसहसीना की सरकार ने जमात पर हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का आरोप लगाया था

ढाका:  बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बुधवार को देश की सबसे बड़ी इस्लामी पार्टी बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी और उसकी छात्र शाखा बांग्लादेश इस्लामी छात्र शिबिर पर पिछली शेख हसीना सरकार द्वारा लगाया गया प्रतिबंध हटा दिया। गृह मंत्रालय ने एक गजट अधिसूचना जारी कर पार्टी और उसके सभी संबद्ध संगठनों पर लगे प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया।

बंगाली में जारी अधिसूचना में कहा गया है कि प्रतिबंध हटाया जा रहा है क्योंकि बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी और उसके संबद्ध संगठनों की "आतंकवाद और हिंसा" के कृत्यों में संलिप्तता का कोई विशेष सबूत नहीं मिला है। इसमें आगे कहा गया कि अंतरिम सरकार का मानना ​​है कि बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी और उसके सहयोगी संगठन "किसी भी आतंकवादी गतिविधियों" में शामिल नहीं हैं।

पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना के पद छोड़ने और भारत आने से चार दिन पहले उनकी सरकार ने 1 अगस्त को जारी एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से पार्टी और उसके संबद्ध संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। हसीना की सरकार ने जमात पर हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का आरोप लगाया था। जमात-ए-इस्लामी पर कट्टरपंथी होने, भारत विरोधी होने और हिंदुओं पर अत्याचार में शामिल होने का आरोप भी है।

हालांकि जमात-ए-इस्लामी पार्टी शफीकुर रहमान ने कहा है कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमलों में उनकी पार्टी शामिल नहीं थी और उन्होंने अपनी पार्टी की नकारात्मक छवि के लिए "दुर्भावनापूर्ण" मीडिया अभियान को जिम्मेदार माना है। रहमान ने उन आरोपों का भी खंडन किया कि उनकी पार्टी बांग्लादेश में भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल थी। उन्होंने भारत से कहा कि अगर कोई सबूत है तो वह पेश करे। बांग्लादेश में जमात कार्यकर्ताओं द्वारा हिंदुओं पर हमले के आरोपों को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए रहमान ने आरोपों को "निराधार" बताया।  रहमान ने जमात-ए-इस्लामी की नकारात्मक छवि के लिए दुर्भावनापूर्ण मीडिया अभियान को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि यह धारणा कि हम उग्रवादी संगठन हैं, पूरी तरह गलत है। समय आ गया है कि इस धारणा को बदला जाए। हम किसी देश के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर भारत जमात द्वारा किसी भी भारत विरोधी आतंकवादी गतिविधि का सबूत दे सकता है, तो उनकी पार्टी माफी मांगने के लिए तैयार है।

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