लाइव न्यूज़ :

चार अफगान पत्रकारों को खुफिया एजेंसी ने गिरफ्तार किया

By भाषा | Updated: July 27, 2021 19:17 IST

Open in App

काबुल, 27 जुलाई (एपी) अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा हाल ही में अपने कब्जे में लिए गए एक सीमावर्ती क्षेत्र की रिपोर्टिंग करने के बाद कंधार शहर लौटने के उपरांत चार अफगान पत्रकारों को देश की खुफिया एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया। एक अफगान प्रेस स्वतंत्रता समूह ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

चारों ने तालिबान कमांडरों का साक्षात्कार लेने के लिए स्पिन बोल्डाक की यात्रा की थी, जब उग्रवादियों ने पाकिस्तान से सटे एक सीमावर्ती क्षेत्र पर कब्जा कर लिया।

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता का कहना है कि चारों पर तालिबान के दुष्प्रचार को प्रसारित करने का आरोप है।

‘नाई’ नामक अफगान मीडिया निगरानी संगठन ने कहा कि वे सोमवार को कंधार लौट आए और उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया।

नाई ने कहा कि मंगलवार को पत्रकारों के ठिकाने का पता नहीं चला।

संगठन ने बताया कि तीन रिपोर्टर-बसीमुल्लाह वतनदोस्त, कुदरत सुल्तानी और मोहेब ओबैदी स्थानीय रेडियो स्टेशन मेल्लत झाग के लिए काम करते हैं। चौथे सनाउल्लाह सियाम हैं, जो शिन्हुआ समाचार एजेंसी के कैमरामैन हैं।

कतर में स्थित विद्रोहियों के राजनीतिक कार्यालय के साथ तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने अफगान प्रशासन द्वारा की गई गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि चारों केवल अपना काम कर रहे थे, घटनाओं को कवर करने और तथ्यों को सामने लाने की कोशिश कर रहे थे।

नाई ने कहा कि गिरफ्तारी अवैध है और पत्रकारों की तत्काल रिहाई की मांग की।

मंगलवार को बाद में, अफगान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मीरवाइज स्टैनिकजई ने कहा कि चारों पर दुश्मन के दुष्प्रचार को फैलाने का आरोप लगाया गया है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि काबुल सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन आगाह किया कि उसे देश के संविधान और कानूनों का पालन करना होगा।

स्टैनिकजई ने कहा, "आतंकवादियों और दुश्मन को लाभ पहुंचाने के साथ-साथ अफगानिस्तान के राष्ट्रीय हित के खिलाफ किसी भी तरह के प्रचार को अपराध के रूप में गिना जाएगा।"

गौरतलब है कि रिपोर्टरों को अफगानिस्तान में अत्यंत कठिन परिस्थितियों में काम करना पड़ता है और अक्सर उन्हें हिंसा, खतरों और धमकियों का सामना करता पड़ता है। उन्हें अपना काम ठीक से करने से रोका जाता है।

युद्धग्रस्त देश में 2,000 से अधिक आधिकारिक तौर पर पंजीकृत मीडिया संगठन हैं।

अफगान पत्रकार सुरक्षा समिति के अनुसार, देश में 2019 की तुलना में 2020 में पत्रकारों के खिलाफ हिंसा में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई। समिति ने पिछले साल पत्रकारों और मीडिया कर्मियों के खिलाफ हिंसा के 132 मामलों को दर्ज किया था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतचुनाव वाले तमिलनाडु में SIR के बाद ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से 97 लाख नाम हटा गए

बॉलीवुड चुस्कीBetting App Case: सट्टेबाजी ऐप मामले में उरावशी रौतेला, युवराज सिंह, सोनू सूद पर ईडी की कार्रवाई

क्रिकेट4,4,4,4,4,4,4,4,4,4,6 तिलक वर्मा की 73 रनों की शानदार पारी, पांचवा टी20 मैच

भारतGujarat: एसआईआर के बाद गुजरात की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी, 73.7 लाख वोटर्स के नाम हटाए गए

क्रिकेट16 गेंद… और तूफान! हार्दिक पांड्या ने SA के खिलाफ मचा दिया कोहराम

विश्व अधिक खबरें

विश्वBangladesh Protests: तुम कौन हो, मैं कौन हूं - हादी, हादी, बांग्लादेश में प्रदर्शन तेज, करोड़ों का नुकसान, वीडियो

विश्वयुवा नेता की मौत से फिर सुलग उठा बांग्लादेश, भारतीय दूतावास पर फेंके गए पत्थर; प्रमुख मीडिया कार्यालयों में लगाई आग

विश्व‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ सम्मान से नवाजा?, पीएम मोदी को अब तक दूसरे देशों में 28 से अधिक उच्चतम नागरिक सम्मान, देखिए लिस्ट

विश्वभगोड़े मेहुल चोकसी को बेल्जियम कोर्ट से नहीं मिली राहत, सर्वोच्च अदालत ने भारत प्रत्यर्पण दी की मंजूरी

विश्व1 जनवरी 2026 से लागू, 20 और देशों पर यात्रा प्रतिबंध?, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा, देखिए सूची