कोविड-19 टीके की आपूर्ति में असमानता ने संक्रमण के खतरे को बढ़ाया

By भाषा | Updated: November 30, 2021 16:05 IST2021-11-30T16:05:19+5:302021-11-30T16:05:19+5:30

Inequality in the supply of Kovid-19 vaccine increased the risk of infection | कोविड-19 टीके की आपूर्ति में असमानता ने संक्रमण के खतरे को बढ़ाया

कोविड-19 टीके की आपूर्ति में असमानता ने संक्रमण के खतरे को बढ़ाया

लंदन, 30 नवंबर (एपी) कोविड-19 का नया स्वरूप ओमीक्रोन विश्व के लिए यह चेतावनी की तरह है कि जब तक दुनिया के बड़े हिस्से में टीकों की कमी रहेगी तब तक यह महामारी पैर पसारती रहेगी।

अमीर देशों में कोविड-19 रोधी टीकों की जमाखोरी और गरीब देशों में टीके की कमी से दुनिया के कई हिस्सों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। टीका से वंचित आबादी में संक्रमण फैलने से वायरस के स्वरूप में लगातार बदलाव आते रहने तथा इसके और खतरनाक होने की आशंका है।

संयुक्त राष्ट्र समर्थित ‘कोवैक्स’ पहल को आगे बढ़ा रहे समूहों में से एक सीईपीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ रिचर्ड हैचेट ने कहा कि वायरस एक क्रूर अवसरवादी है और वैश्विक स्तर पर असमानता के कारण इसके और फैलने की आशंका है।

असमानता सबसे ज्यादा अफ्रीका में दिखती है जहां अब तक केवल सात प्रतिशत आबादी का ही टीकाकरण हुआ है। दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने पिछले सप्ताह ओमीक्रोन स्वरूप के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को सूचित किया, हालांकि शायद यह कभी पता नहीं लग पाएगा कि कहां से इसकी शुरुआत हुई। वैज्ञानिक अब यह पता लगा रहे हैं यह स्वरूप कितना संक्रामक है और टीके से मिलने वाली सुरक्षा बरकरार रहेगी या नहीं।

‘कोवैक्स’ पहल के जरिए टीका को लेकर असमानता खत्म करने का विचार बना था लेकिन टीकों की कमी के कारण दो अरब खुराक मुहैया कराने का लक्ष्य भी पीछे छूट गया। बाद में, अमीर देशों ने 2021 तक 1.4 अरब खुराक वितरित करने का लक्ष्य रखा लेकिन इसके लिए हर दिन 2.5 करोड़ खुराकों की आपूर्ति करनी होगी। अक्टूबर के बाद से हर दिन 40 लाख खुराक ही भेजी जा रही है और कई बार तो 10 लाख से भी कम खुराक की आपूर्ति की गई। हालिया दिनों में टीकों की खेप भेजने में जरूर तेजी आई है लेकिन अब भी इसमें काफी सुधार की जरूरत है।

संपन्न देशों के पास टीकों की बहुतायत है और कई जगहों पर तो बूस्टर खुराक दी जा रही है जबकि डब्ल्यूएचओ ने ऐसे प्रयासों को हतोत्साहित किया है क्योंकि एक बूस्टर के कारण गरीब देशों में किसी व्यक्ति को एक खुराक नहीं मिल पाएगी। वर्तमान में 60 से ज्यादा देशों में बूस्टर खुराक दी जा रही है।

‘चैथम हाउस’ थिंक टैंक में वन हेल्थ प्रोजेक्ट के निदेशक डॉ. उस्मान डार ने कहा कि बीमारी और खराब स्वास्थ्य के खिलाफ निपटने में अभी भी वैश्विक स्तर पर प्रयासों में गंभीरता की कमी है।

‘ऑक्सफैम’ की स्वास्थ्य नीति प्रबंधक अन्ना मैरियट ने कहा कि अमीर देशों का टीकों को लेकर रूख के कारण ‘कोवैक्स’ पहल में खुराक की आपूर्ति पहले भी सीमित थी। उन्होंने कहा, ‘‘कोवैक्स टीम तेजी से आपूर्ति कर सकती है, लेकिन जब टीके ही नहीं मिलेंगे तो किसी को खुराक नहीं दी जा सकती।’’ नवंबर के मध्य से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की गणना के अनुसार ‘कोवैक्स’ के अनुबंधित टीकों में से केवल 13 प्रतिशत और वादा किए गए दान का 12 प्रतिशत ही वितरित किया गया है।

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Web Title: Inequality in the supply of Kovid-19 vaccine increased the risk of infection

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