भारतीय उच्चायोग ने किसानों के प्रदर्शनों को लेकर ब्रितानी सांसद के लिए जारी किया खुला पत्र

By भाषा | Updated: February 16, 2021 21:09 IST2021-02-16T21:09:00+5:302021-02-16T21:09:00+5:30

Indian High Commission has issued an open letter to the British MP regarding the farmers' demonstrations | भारतीय उच्चायोग ने किसानों के प्रदर्शनों को लेकर ब्रितानी सांसद के लिए जारी किया खुला पत्र

भारतीय उच्चायोग ने किसानों के प्रदर्शनों को लेकर ब्रितानी सांसद के लिए जारी किया खुला पत्र

(अदिति खन्ना)

लंदन, 16 फरवरी लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने भारत में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन और इससे संबंधित गिरफ्तारियों के विरोध में मुखर ब्रिटेन की एक सांसद को खुला पत्र जारी किया है।

क्लाउडिया वेब्बे पूर्वी इंग्लैंड में एक अहम ब्रितानी भारतीय निर्वाचन क्षेत्र लीसेस्टर ईस्ट का प्रतिनिधित्व करने वाली सांसद और विपक्षी लेबर पार्टी की सदस्य हैं।

उन्होंने भारत में विरोध प्रदर्शनों को लेकर ब्रिटेन की सरकार द्वारा बयान जारी किए जाने की अपील करने वाली ई-याचिका को समर्थन दिया है। इस याचिका पर एक लाख से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं। किसी भी याचिका पर ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ के वेस्टमिंस्टर हॉल में बहस के लिए कम से कम एक लाख हस्ताक्षरों की आवश्यकता होती है। उन्होंने ‘टूलकिट’ मामले में भारत में गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं की रिहाई की हाल में सोशल मीडिया के जरिए मांग की थी।

इस मामले में हाल में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया गया है और वकील निकिता जैकब एवं इंजीनियर शांतनु के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं।

भारतीय मिशन ने सोमवार शाम को लिखे एक खुले पत्र में वेब्बे से कहा कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के ब्रितानी नागरिकों की ओर से कोई भी आपत्ति सीधे उच्चायोग के सामने उठाएं।

पत्र में कहा गया है, ‘‘हमने हालिया भारतीय कृषि कानूनों के संबंध में किसी भी निर्वाचन क्षेत्र की चिंताओं को दूर करने के लिए विस्तृत एवं समग्र स्पष्टीकरण दिया है। इस कानूनों के खिलाफ भारतीय किसान समुदाय का एक छोटा सा समूह प्रदर्शन कर रहा है।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘इस बात पर जोर दिया जाता है कि भारत में किसानों की रक्षा करने और उन्हें सशक्त बनाने के इरादे से लागू किए गए सुधार, समितियों की सिफारिशों एवं विशेषज्ञों से मिली जानकारियों पर आधारित हैं। इन समितियों और विशेषज्ञों ने पिछले 20 साल से अधिक समय से भारत के कृषि क्षेत्र में विशेष चुनौतियों का विश्लेषण किया है।’’

पत्र में कहा गया है, ‘‘कृषि कानूनों पर भारत की संसद में उचित प्रक्रिया के अनुसार चर्चा और बहस की गई और उनके लाभ 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तत्काल पहुंचने शुरू हो गए हैं। इन सुधारों को लागू किए जाने के बाद से इसके कुशल क्रियान्वयन को लेकर किसानों एवं अन्य पक्षकारों के साथ वार्ताएं की गई हैं।’’

पत्र में कहा गया है कि सांसद के साथ विस्तृत जानकारी साझा की जा रही है, ताकि सुधारों के उद्देश्य, शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन को लेकर आशंका करने वालों की क्षमता और सर्वाधिक स्वीकार्य तरीके से प्रदर्शनकारी किसान संगठनों की चिंताओं को दूर करने की भारत सरकार की इच्छा के संबंध में हर गलतफहमी दूर की जा सके।

इसमें कहा गया है, ‘‘ये प्रयास जारी हैं- लेकिन भारत सरकार दुष्प्रचार और उकसाने वाली सामग्रियों के जरिए प्रदर्शनों को भड़कानों की विदेश में निहित स्वार्थी तत्वों की कोशिशों को लेकर जागरुक है। ये दुष्प्रचार और उकसाने वाली सामग्रियां प्रदर्शनकारियों और सरकार के बीच वार्ता या उन लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के जरिए मामले को सुलझाने में मददगार नहीं हैं, जिन पर हमारे लोग पारम्परिक रूप से निर्भर रहते आए हैं।’’

पत्र में दोहराया गया है कि प्रदर्शन रैलियों में भाग ले रहे किसानों के प्रति सरकार और सुरक्षा बलों ने ‘‘दुनिया भर में कहीं भी इस प्रकार के हालात की तुलना में संभवत: कहीं अधिक संयम और अत्यंत सम्मान’’ बरता है।

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Web Title: Indian High Commission has issued an open letter to the British MP regarding the farmers' demonstrations

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