(ललित के. झा)
वाशिंगटन, 10 मार्च अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा अमेरिका के न्याय विभाग में एक शीर्ष पद के लिए नामित वनीता गुप्ता ने सोशल मीडिया पर पिछले कुछ वर्षों में की गई अपनी कड़ी टिप्पणी को लेकर खेद प्रकट किया है।
दरअसल, उन्हें रिपब्लिकन सांसदों की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। वह अपने अतीत को लेकर टि्वटर संकट का सामना करने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला हैं।
गुप्ता को न्याय विभाग में एसोसिएट अटार्नी जनरल (सहायक महान्यायवादी) के तौर पर सेवा देने के लिए नामित किया गया है।
गुप्ता ने अपने नाम की पुष्टि पर सुनवाई के दौरान मंगलवार को सीनेट न्यायिक समिति से कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में की गई अपनी कड़ी टिप्पणियों को लेकर मैं खेद प्रकट करती हूं। मैं आज आपसे वादा कर सकती हूं कि यदि मेरे नाम पर मुहर लग जाती है तो आप मुझसे उस तरह की टिप्पणी नहीं सुनेंगे।’’
यदि उनके नाम पर मुहर लग जाती है तो वह एसोसिएट अटार्नी जनरल बनने वाली प्रथम अश्वेत महिला होंगी।
गुप्ता ने कहा, ‘‘मेरे माता पिता भारत से आए गौरवशाली प्रवासी हैं और वे अमेरिकी व्यवस्था में काफी यकीन रखते हैं। मेरा लालन-पालन करने के दौरान उन्होंने मुझसे कहा था कि देश से प्रेम करने का मतलब इसके दायित्वों को पूरा करना है। यह मान्यता मेरे पति भी साझा करते हैं, जिनके परिवार ने वियतनाम में हिंसा और युद्ध को झेला था और अमेरिकी तटों पर शरण ली थी।
गुप्ता ने कहा कि इससे पहले जब वह न्याय विभाग में थी तब घृणा अपराधों के खिलाफ कार्रवाई उनकी शीर्ष प्राथमकिता रही थी।
सुनवाई के दौरान टेक्सास से रिपलब्लिकन सीनेटर क्रुज ने उन पर ऐसी वकील रहने का आरोप लगाया, जिन्होंने अत्यधिक पक्षपातपूर्ण दलील पेश की थी। क्रुज ने कहा, ‘‘उनका रिकार्ड एक विचारक का रहा है। उन्होंने धुर वामपंथी रुख अपनाया था।
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