भारत के दो और कोविड-19 रोधी टीकों को मंजूरी देने से भारत-अमेरिका स्वास्थ्य सेवा सहयोग चर्चा में

By भाषा | Updated: December 29, 2021 09:54 IST2021-12-29T09:54:23+5:302021-12-29T09:54:23+5:30

India-US healthcare cooperation in discussion as India approves two more anti-Covid-19 vaccines | भारत के दो और कोविड-19 रोधी टीकों को मंजूरी देने से भारत-अमेरिका स्वास्थ्य सेवा सहयोग चर्चा में

भारत के दो और कोविड-19 रोधी टीकों को मंजूरी देने से भारत-अमेरिका स्वास्थ्य सेवा सहयोग चर्चा में

(ललित के झा)

वाशिंगटन, 29 दिसंबर स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत-अमेरिका के बीच सहयोग चर्चा में है क्योंकि इस सप्ताह केंद्रीय औषधि प्राधिकरण (सीडीए) ने भारत में उपयोग के लिए दो और कोविड-19 रोधी टीकों - कॉर्बेवैक्स और कोवोवैक्स तथा एंटीवायरल दवा मोलनुपिरवीर को मंजूरी दी है।

अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने एक ट्वीट में इसे भारत-अमेरिका स्वास्थ्य सहयोग का एक मॉडल बताया। संधू ने कहा, ‘‘भारत-अमेरिका के स्वास्थ्य सहयोग के मॉडल वैश्विक भलाई के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।’’

टेक्सास चिल्ड्रन्स, बेलोर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के नेशनल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन के साथ काम कर रही भारतीय कंपनियों, बेलोर में नेशनल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन के प्रोफेसर एवं डीन डॉ. पीटर होटेज, टेक्सास चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल सेंटर फॉर वैक्सीन डेवलपमेंट, नोवावैक्स के सह-निदेशक मर्क एंड रिजबैक बायो ने भारतीय राजनयिक के ट्वीट को रिट्वीट किया।

अक्टूबर में ह्यूस्टन की अपनी यात्रा के दौरान संधू ने प्रोफेसर होटेज से मुलाकात की थी और इस मुद्दे पर चर्चा की थी। इस साल जून में राजदूत ने मेरीलैंड में नोवावैक्स केंद्र का दौरा किया। उन्होंने सानीश्योर के सीईओ थॉमस हुक से भी बात की। सानीश्योर, एसआईआई-नोवावैक्स सहयोग के लिए घटकों की आपूर्ति करती है।

कॉर्बेवैक्स, प्रोटीन उप-इकाई से बना कोविड-19 रोधी टीका है, जिसकी तकनीक को टेक्सास चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल और बेलोर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के सहयोग से बनाया गया है। कॉर्बेवैक्स को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (ईयूए) की मंजूरी मिली है। टेक्सास चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल ने एक बयान में कहा कि भारत के साथ अन्य जरूरतमंद देशों में इसकी शुरुआत की जा रही है।

बयान में कहा गया है कि इसे ‘‘दुनिया का कोविड-19 रोधी टीका’’ कहा जाता है। इसमें एक पारंपरिक प्रोटीन-आधारित तकनीक का उपयोग किया गया है जिसके बड़े पैमाने पर उत्पादन से वैश्विक आबादी का व्यापक टीकाकरण सुलभ हो जाएगा।

जांच के दो चरण को पूरा करने के बाद कॉर्बेवैक्स के तीसरे चरण में 3,000 से अधिक प्रतिभागियों को शामिल किया गया जिनमें बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित होते पाया गया और उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई।

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Web Title: India-US healthcare cooperation in discussion as India approves two more anti-Covid-19 vaccines

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