भारत ने यूएन को दिखाया आईना, विदेश नीति उपकरण के रूप में मानवाधिकारों के राजनीतिकरण को लेकर जताई चिंता

By भाषा | Updated: November 4, 2018 05:09 IST2018-11-04T05:09:17+5:302018-11-04T05:09:44+5:30

आतंकवाद को मानवाधिकारों के उल्लंघन के खराब रूपों में से एक बताते हुए लाल ने कहा कि भारत को निर्दोष लोगों पर अपनी सीमाओं के पार से कई आतंकवादी हमलों का सामना करना पड़ा है। 

India express concern over politicisation of human rights as foreign policy | भारत ने यूएन को दिखाया आईना, विदेश नीति उपकरण के रूप में मानवाधिकारों के राजनीतिकरण को लेकर जताई चिंता

भारत ने यूएन को दिखाया आईना, विदेश नीति उपकरण के रूप में मानवाधिकारों के राजनीतिकरण को लेकर जताई चिंता

भारत ने विदेश नीति के एक हथियार के रूप में मानवाधिकारों के राजनीतिकरण के मामलों पर चिंता जताते हुए खेद जताया है कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का काम अधिक विवादास्पद और कठिन होता जा रहा है। 

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी उप प्रतिनिधि तन्मय लाल ने कहा कि प्रस्तावों और निर्णयों की बढ़ती संख्या, बैठकों और विशेष सत्रों के बढ़ते सिलसिले से मानवाधिकार परिषद का विस्तार होता जा रहा है लेकिन अकसर यह साफ नहीं होता कि इसका काम कितना प्रभावी है।

मानवाधिकार परिषद की रिपोर्ट पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में लाल ने शुक्रवार को कहा,‘‘हालांकि मानवाधिकार संधियों और कन्वेंशनों का एक बहुत ही व्यापक मानदंड खाका विकसित हुआ है...खेदजनक है कि मानवाधिकार परिषद का काम और इसकी संबंधित प्रक्रियाएं अधिक विवादास्पद और मुश्किल होती जा रही हैं।

उन्होंने कहा,‘‘मानवाधिकार एजेंडे पर विचार-विमर्श से जुड़ी कई कठिनाइयों के कारणों को ढूंढना मुश्किल नहीं है?? वे प्राय: विकास, सामाजिक तथा सांस्कृतिक संदर्भों और प्रशासन प्रणालियों के अपने स्तर पर कई अलग-अलग प्राथमिकताओं और सदस्य देशों की चिंताओं के रूप में सामने आते है।’’

लाल ने कहा कि मानवाधिकार परिषद के काम का विस्तार जारी है लेकिन इसके काम की प्रभावशीलता हमेशा स्पष्ट नहीं होती है।

इस वर्ष जून में भारत ने उस समय संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त रहे जैद राद अल हुसैन की कश्मीर पर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। रिपोर्ट में कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति की स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच कराये जाने का आह्वान किया था।

आतंकवाद को मानवाधिकारों के उल्लंघन के खराब रूपों में से एक बताते हुए लाल ने कहा कि भारत को निर्दोष लोगों पर अपनी सीमाओं के पार से कई आतंकवादी हमलों का सामना करना पड़ा है। 

उन्होंने कहा कि आतंकवाद को सबसे बड़ी वैश्विक चुनौतियों में से एक माना जाता है, इस खतरे का समाधान करने के लिए किसी भी सार्थक सामूहिक प्रतिक्रिया को कुछ लोगों द्वारा विफल किया जा रहा है।?? 

Web Title: India express concern over politicisation of human rights as foreign policy

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