ब्रह्मपुत्र पर सभी घटनाक्रमों की भारत सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहा: विदेश मंत्रालय

By भाषा | Updated: December 3, 2020 20:59 IST2020-12-03T20:59:00+5:302020-12-03T20:59:00+5:30

India carefully monitors all developments on Brahmaputra: Ministry of External Affairs | ब्रह्मपुत्र पर सभी घटनाक्रमों की भारत सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहा: विदेश मंत्रालय

ब्रह्मपुत्र पर सभी घटनाक्रमों की भारत सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहा: विदेश मंत्रालय

नयी दिल्ली/बीजिंग, तीन दिसंबर ब्रह्मपुत्र पर चीन के एक बड़ा बांध बनाने की योजना की खबरों के बीच भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह नदी से जुड़े सभी घटनाक्रमों की ‘‘सावधानीपूर्वक निगरानी’’ कर रहा है। साथ ही, नयी दिल्ली अपने हितों की हिफाजत के लिए सीमा के आर-पार बहने वाली नदियों के मुद्दे पर संवाद बनाए रखने का इरादा रखती है।

ब्रह्मपुत्र नदी को चीन में यारलुंग सांगपो के नाम से जाना जाता है। यह तिब्बत से निकलती है और अरूणाचल प्रदेश तथा असम से होकर बहती है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीन ने भारत को कई मौकों पर इस बात से अवगत कराया है कि वह नदी पर सिर्फ पनबिजली परियोजनाओं को संचालित कर रहा है और इनमें ब्रह्मपुत्र के जल के प्रवाह का मार्ग मोड़ना शामिल नहीं हैं।

दरअसल, उनसे तिब्बत में नदी के निचले प्रवाह क्षेत्र में एक बड़ा बांध बनाने की चीन की योजना को लेकर मीडिया में आई खबरों के बारे में पूछा गया था।

श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हमने इस बारे में मीडिया में आई कुछ खबरों का संज्ञान लिया है। सरकार ब्रह्मपुत्र नदी पर सभी घटनाक्रमों की सावधानीपूर्वक निगरानी कर रही है।’’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस बात का जिक्र किया कि सीमा के दोनों ओर बहने वाली नदियों से जुड़े मुद्दों पर संस्थागत विशेषज्ञ स्तरीय तंत्र के तहत और राजनयिक माध्यमों के जरिए चीन के साथ चर्चा की गई है।

श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हम अपने हितों की हिफाजत के लिए सीमा के आर-पार बहने वाली नदियों के मुद्दों पर चीन के साथ संवाद बनाए रखने का इरादा रखते हैं। ’’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सीमा के आर-पार बहने वाली नदियों के जल के उपयोग का महत्वपूर्ण अधिकार रखने के साथ नदी के जल प्रवाह का निचला क्षेत्र (देश) होने को लेकर सरकार ने अपने विचारों और चिंताओं से चीनी अधिकारियों को लगातार अवगत कराया है तथा उनसे यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि नदी के जल प्रवाह के निचले क्षेत्रों (देशों) को ऊपरी क्षेत्रों में किसी गतिविधियों से नुकसान नहीं पहुंचे। ’’

बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस परियोजना को लेकर किसी तरह से चिंतित होने की जरूरत नहीं है और नदी के निचले प्रवाह क्षेत्र वाले देशों-भारत तथा बांग्लादेश- के साथ बीजिंग का ‘अच्छा संवाद’ जारी रहेगा।

अरूणाचल प्रदेश, जहां ब्रह्मपुत्र भारत में प्रवेश करती है, के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के नजदीक नदी पर बांध बनाने की चीन की योजना के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सीमा के दोनों ओर बहने वाली नदियों के उपयोग का जहां तक सवाल है, यारलुंग जांगबो के निचले प्रवाह क्षेत्र वाले हिस्से में पनबिजली परियोजना लगाना चीन का वैध अधिकार है।

हुआ ने कहा, ‘‘हमारी नीति विकास और संरक्षण की है तथा सभी परियोजनाएं विज्ञान आधारित योजना के अनुरूप होंगी और नदी के निचले प्रवाह क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव पर पूरा विचार कर आकलन किया जाएगा तथा नदी के ऊपरी एवं निचले प्रवाह क्षेत्रों के हितों को समायोजित किया जाएगा। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘यारलुंग जांगबो के निचले प्रवाह क्षेत्र वाले हिस्से में कार्य योजना एवं आकलन के शुरूआती दौर में है। इसका बहुत ज्यादा मतलब निकालने की जरूरत नहीं है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘आगे बढ़ते हुए चीन, भारत और बांग्लादेश तथा अन्य संबद्ध देश अच्छा संवाद जारी रखेंगे। इस विषय पर कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है।

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Web Title: India carefully monitors all developments on Brahmaputra: Ministry of External Affairs

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