जम्मू-कश्मीर में से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान दुनियाभर के देशों का दरवाजा खटखटा रहा है। उसने एक बार फिर कोशिश की जोकि नाकाम साबित हो गई। दरअसल, पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के राष्ट्रपति मसूद खान की फ्रांसीसी संसद में बैठक कराने की कोशिश की थी, जिस पर भारत ने पानी फेर दिया।दरअसल, पेरिस स्थित पाकिस्तानी दूतावास फ्रांसीसी संसद के निचले सदन में पीओके के राष्ट्रपति मसूद खान का कार्यक्रम कराने में लगा था। बताया जा रहा है कि भारतीय दूतावास ने फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय को डेमार्श जारी कर कहा कि मसूद खान को न्योता भारत की संप्रभुता का उल्लंघन है। इसके बाद पेरिस ने भारत द्वारा उठाए गए मुद्दे पर विचार करते हुए पीओके अध्यक्ष के कार्यक्रम को रोक दिया गया।
मैक्रों ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि भारत और पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय स्तर पर सुलझाना चाहिये और किसी भी तीसरे पक्ष को क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए या हिंसा नहीं भड़कानी चाहिए। मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के बाद एक संयुक्त प्रेस बयान में कहा था कि मैं कुछ दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से भी बात करूंगा और उनसे कहूंगा कि बातचीत द्विपक्षीय स्तर पर होनी चाहिये। मैक्रों ने खान से कहा था कि सभी मुद्दे "शांतिपूर्ण तरीके" से हल किये जाने चाहिये।