अमेरिका में आतंकी संगठन लश्कर में शामिल होने की योजना बनाने पर एक शख्स को 15 साल की जेल
By भाषा | Updated: August 12, 2020 12:18 IST2020-08-12T12:18:28+5:302020-08-12T12:18:28+5:30
अमेरिका में एक शख्स को 15 साल के लिए कारावास की सजा सुनाई गई है। क्योंकि वह शख्स आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने क फिराक में था।

लश्कर में शामिल होने की योजना बनाने पर अमेरिकी को 15 वर्ष का कारावास
न्यूयार्क: न्यूयार्क के एक व्यक्ति को पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने का मंसूबा रखने के जुर्म में 15 साल कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा, आतंकवादी संगठन को मदद मुहैया कराने की कोशिश करने के कारण उसकी सजा पूरी होने के बाद भी उस पर आजीवन नजर रखी जाएगी।
न्याय मंत्रालय ने बताया कि जीसस विलफ्रेडो एनकानार्सियॉन (30) को 2008 में नवंबर में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले समेत कई हाई प्रोफाइल हमले करने वाले लश्कर को मदद मुहैया कराने की कोशिश के मामले में 15 साल कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा एनकानार्सियॉन पर रिहाई के बाद भी नजर रखी जाएगी। एनकानार्सियॉन ने अमेरिका के डिस्ट्रिक्ट जज रोनी अब्राम्स के सामने इस साल जनवरी में अपना अपराध स्वीकार किया था।
न्यूयार्क के सदर्न डिस्ट्रिक्ट अमेरिका के कार्यवाहक अटॉर्नी औड्रे स्ट्रास ने कहा कि एनकानार्सियॉन की विदेश जाने, लश्कर में शामिल होने एवं प्रशिक्षण लेने और आतंकवादी संगठन की ओर से गोलीबारी, बमबारी और लोगों के सिर काटने जैसे काम करने की मंशा थी।
आपराधिक शिकायत और अभियोग के अनुसार एनकानार्सियॉन ने नवंबर 2018 में एक समूह के साथ ऑनलाइन बातचीत के दौरान आतंकवादी संगठन में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की थी। चैट में एक अन्य व्यक्ति ने एनकानार्सियॉन को एक ऐसे व्यक्ति से मिलाया, जो गुप्त रूप से एफबीआई का एक कर्मी था।
एनकानार्सियॉन ने इस व्यक्ति से बातचीत के दौरान कई बार बताया कि वह लश्कर का समर्थन करता है और उससे जुड़ना चाहता है। उसने कहा था कि वह ‘‘अल्लाह के नाम पर मर भी सकता है और मार भी सकता है’’। उसने कहा था, ‘‘मैं मारना चाहता हूं। मैं लोगों के सिर काटना चाहता हूं। मैं गोली मारना चाहता हूं।’’ एनकानार्सियॉन ने कहा था कि वह अमेरिका में आतंकवादी हमले करना चाहता है, लेकिन उसके पास इसके लिए ‘‘मार्ग दर्शन’’ और ‘‘बंदूकें’’ नहीं हैं।